महात्मा गांधी के नाम पर Mauritius में होगा मेट्रो स्टेशन, India ने दी है $527 मिलियन की मदद

भारत की आर्थिक मदद से मॉरीशस में चल रहे कई प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल प्लैटफॉर्म से उद्घाटन या भूमिपूजन हुआ. ग्रांट मदद और छोटी विकास परियोजनाओं के एक समझौता ज्ञापन (MOU) को भी भारत और मॉरीशस ने साझा किया.

महात्मा गांधी के नाम पर Mauritius में होगा मेट्रो स्टेशन, India ने दी है $527 मिलियन की मदद

मॉरीशस सरकार ने एक बड़े मेट्रो स्टेशन का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखने की घोषणा की है

भारत (India)और मॉरीशस (Mauritius) की दोस्ती नई ऊंचाईयों को छू रही है. भारत से करीब 5,800 किलोमीटर दूर दक्षिणी-पश्चिमी हिंद महासागर (Indian Ocean) में मौजूद मॉरीशस में अब एक बड़े मेट्रो स्टेशन का नाम भारत के गौरव महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के नाम पर होगा. मॉरीशस सरकार ने देश की विकास परियोजनाओं में भारत की तरफ से की जा रही मदद का आभार जताने के लिए यह फैसला किया है. गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ वर्चुअल प्लेफॉर्म पर संयुक्त रूप से मॉरीशस में कई परियोजनाओं का उद्धाटन और भूमिपूजन करते हुए मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ (PM Pravind Kumar Jugnauth) ने यह घोषणा की.  उन्होंने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मेट्रो स्टेशन प्रोजेक्ट में भारत के सहयोग के प्रति आभार जताते हुए मेरी सरकार ने यह फैसला किया है कि एक बड़े मेट्रो स्टेशन का नाम महात्मा गांधी स्टेशन रखा जाएगा."

आगे उन्होंने कहा, "मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस आयोजन से एक बार फिर भारत और मॉरीशस के बेहद खास संबंध ज़ाहिर हो रहे हैं. मेट्रो एक्सप्रेक्स और इस जैसे दूसरे प्रोजेक्ट्स भारत सरकार की तरफ से दी गई आर्थिक सहायता और आसान कर्ज के बिना संभव नहीं हो पाते."

हिंदी में बोलते हुए उन्होंने PM जगन्नाथ कहा, भारत ने मॉरीशस को प्रगति के लिए हमेशा सहयोग दिया है. इसके लिए मॉरीशस की जनता हमेशा भारत की आभारी रहेगी.  

सूत्रों के अनुसार भारत ने मॉरीशस के मेट्रो एक्सप्रेस प्रोजक्ट के लिए 527 मिलियन अमरीकी डॉलर की आर्थिक सहायता की है जिसमें से $267 मिलियन दान (Grant) के तौर पर और $260 मिलियन कर्ज के तौर दिए गए हैं.  

गुरुवार को भारत और मॉरीशस के बीच ग्रांट मदद और छोटी विकास परियोजनाओं को लेकर एक समझौता ज्ञापन (MOU) को भी दोनों देशों ने साझा किया. 

इन छोटी विकास परियोजनाओं को मॉरीशस की मुख्यभूमि और समुद्री सीमा में मौजद द्वीपों पर भी लागू किया जाएगा. इनमें हिंद महासागर में मौजूद आगालेगा और रोड्रिग्स (Agalega and Rodrigues) द्वीप भी शामिल हैं जो चीन के मद्देनज़र भारत के लिए बड़ा रणनीतिक महत्व रखते हैं. इन जगहों पर छोटी अवधि में बड़े महत्व के प्रोजेक्ट्स पूरे किए जाएंगे.

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भारत लंबे समय से मॉरीशस के भूराजनैतिक (Geopolitical) महत्व को देखते हुए मॉरीशस में अपनी मौजूदगी मज़बूत कर रहा है. भारत की तरफ से मॉरीशस में बड़े पैमाने पर विकास परियोजनाओं के लिए मदद दी जा रही है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष प्रविंद कुमार जगन्नाथ ने गुरुवार को मॉरीशस में भारत की मदद से बन रहीं जिन विकास परियोजनाओं को वर्चुअली शुरू किया जिनका ब्यौरा इस प्रकार है:- 

सोशल हाउसिंग प्रोजेक्ट का उद्घाटन:- यह प्रोजेक्ट 2016 में भारत की तरफ से मॉरीशस को  दिए गए $353 मिलियन USD के स्पेशल इकॉनमिक पैकेज( SEP)से बन रही पांच बड़ी इंफ्रस्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक है. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत $44.995 मिलियन USD है. इसमें 20 मिलियन  SEP से प्रयोग किए जा रहे हैं और 25 मिलियन 2017 में दिए गए $500 मिलियन के कर्ज से लगाए जा रहे हैं.  

सिविल सर्विस कॉलेज का भूमिपूजन:- मॉरीशस के प्रधानमंत्री 2017 में भारत आए थे. उस दौरान हुए समझौते अनुसार भारत ने मॉरीशस को सिविल सर्विस कॉलेज के लिए $4.74 मिलियन USD की ग्रांट दी थी. इस कॉलेज के अगले 18 महीने में पूरा होने की उम्मीद है. 

8MW के सोलर पावर फार्म प्रोजेक्ट का भूमिपूजन:- भारत ने 2017 में अपने EXIM बैंक के ज़रिए मॉरीशस को कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजक्ट के लिए $500 मिलियन USD का कर्ज दिया था. इससे मॉरीशस के हेनरीएट्टा में(Henrietta) मौजूद तामारिंद फाल्स ( Tamarind Falls)के 2 MW के सोलर पावर प्लांट का एक्सटेंशन भी किया जा रहा है. एक आंकलन के अनुसार इससे मॉरीशस में हर साल 14 GWh सोलर पावर का उत्पादन हो सकेगा और 10,000 घरों तक स्वच्छ उर्जा से बिजली  पहुंचाई जा सकेगी जिससे 13,000 टन कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन रोका जा सकेगा. 

भारत और मॉरीशस के बीच गुरुवार को साझा किए गए MOU के अंतर्गत खास तौर से सामाजिक -आर्थिक विकास, शिक्षा के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, मूल भूत स्वास्थ्य सेवा और सामुदायिक विकास के क्षेत्र में प्रोजेक्ट्स  किए जाने की बात है. इसमें मुख्यतौर पर रोजगार गतिविधि, कौशन विकास, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण और सांस्कृतिक संरक्षण, महिला सशक्तिकरण ,  बाल विकास और आपदा प्रबंधन को लेकर ज़ोर रहेगा.  

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भारत की मदद से मॉरीशस में बन रहा 26 किलोमीटर लंबा मेट्रो प्रोजक्ट दो चरणों में पूरा होगा. पोर्ट लुईस और रोज हिल को जोड़ने वाला फेज़ 1 पूरा हो चुका है. भारत और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से 3 अक्टूबर 2019 को वर्चुअल प्लैटफॉर्म पर इसका उद्धाटन किया था. इसके बाद 30 जुलाई 2020 को दोनों प्रधानमंत्रियों ने मॉरीशस में नई सुप्रीम कोर्ट इमारत और एक ENT अस्पताल का ई-उद्घाटन किया था.  रोज़ हिल से क्योरपाइप को जोड़ने वाले फेज 2 का काम जारी है और यह दिसंबर 2022 तक पूरा हो सकता है.