जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गणतंत्र दिवस से ठीक पहले एक बड़ी आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया है. श्रीनगर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को गिरफ्तार आतंकियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है. गिरफ्तार आतंकियों की पहचान इजाज अहमद शेख, उमर हामिद शेख, इम्तियाज अहमद चिकला, साहिन फारूक गोजरी और अहमद मीर के रूप में की गई है. सभी आतंकी हजरतबल के रहने वाले हैं. जम्मू-पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ डिटोनिएटर, गेलाटिन स्टिक, एसिड की बोतल मिली हैं.
क्या 2001 में संसद पर हुए हमले में भी थी दविंदर सिंह की भूमिका? जम्मू कश्मीर पुलिस कर सकती है जांच
बता दें कि कुछ दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डीएसपी दविंदर सिंह के साथ-साथ हिजबुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था. दोनों आतंकी डीएसपी दविंदर सिंह की मदद से दिल्ली जाने की फिराक में थे. गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला था कि ये गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे.
वहीं, पिछले साल अगस्त महीने में जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद इन हत्याओं की श्रृंखला को अंजाम दिया गया था, ताकि सेब उद्योग को नुकसान पहुंचाया जा सके. पुलिस सूत्रों ने बताया था कि वो नवीद बाबू की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे और जब उसने अपने भाई को फोन किया तो उसके ठिकाने का पता चला. पुलिस ने वनपोह में एक गाड़ी को रोका जिसमें हिजबुल आतंकी जो कि एक पूर्व विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) भी रहा है, उसके साथी आसिफ और डीसीपी दविंदर सिंह यात्रा कर रहे थे.
देविंदर सिंह को वीरता पदक से पुरस्कृत करने की खबर सही नहीं: जम्मू कश्मीर पुलिस
जम्मू कश्मीर पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि ऐसी खबरें सही नहीं हैं कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन के दो आतंकियों के साथ गिरफ्तार किए गए निलंबित पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वीरता पदक से नवाजा गया था. पुलिस ने कहा कि उन्हीं के नाम के एक अन्य अधिकारी को पदक मिला था.
कुछ मीडिया खबरों में दावा किया गया था कि सिंह को विशिष्ट सेवा के लिए पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस पदक से पुरस्कृत किया गया था. जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि डीएसपी देविंदर सिंह को गृह मंत्रालय से कोई बहादुरी पदक नहीं दिया गया था, जैसा कि कुछ मीडिया संस्थानों और लोगों ने खबरें दी हैं. उन्हें केवल 2018 के स्वतंत्रता दिवस पर पूर्व जम्मू कश्मीर राज्य द्वारा उनकी सेवा के लिए बहादुरी पदक दिया गया था.'
आतंकवादियों से क्या नाता रहा डीएसपी देविंदर सिंह का?
सिंह हाइजैक रोधी दस्ते में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात थे. पुलिस और खुफिया विभाग के अधिकारियों की एक टीम उनसे पूछताछ कर रही है. श्रीनगर हवाई अड्डे पर उनके कार्यालय को भी सील कर दिया गया है. बता दें, दविंदर सिंह को पिछले वर्ष 15 अगस्त को राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया था. दविंदर सिंह और नवीद बाबू की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद पुलिस ने श्रीनगर और दक्षिण कश्मीर में कई जगहों पर छापे मारे और भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किया जिसे डीसीपी व अन्य आतंकियों ने छुपा रखा था.
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