
प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई:
महाराष्ट्र में एक दुखद हादसे में राज्य कृषि विभाग के एक अधिकारी को उनके वरिष्ठ ने अपने अवसादग्रस्त बेटे को देखने जाने के लिए आधे दिन की छुट्टी नहीं दी, जिसके बाद अधिकारी के बेटे ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली. यह घटना पिछले हफ्ते की है और महाराष्ट्र सरकार ने छुट्टी देने से मना करने वाले अधिकारी का तदाबला कर, मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
कृषि विभाग के सूत्रों का कहना है कि 12 अगस्त की दोपहर को विभाग के संयुक्त सचिव राजेश घड़गे को उनके बेटे ने आपात स्थिति में फोन किया और जितनी जल्दी संभव हो नवी मुंबई में उससे मिलने को कहा. ऐसा नहीं होने पर उसने आत्महत्या करने की बात कही. यहां मंत्रालय में कृषि विभाग कार्यालय में नियुक्त घड़गे का बेटा अवसाद से जूझ रहा था.
बेटे की बात से घबराए घड़गे ने अतिरिक्त मुख्य सचिव भगवान सहाय से जल्दी घर जाने देने का अनुरोध किया. लेकिन सहाय ने उनकी बात नहीं सुनी और पूरे कार्यसमय तक रोककर काम करवाया. सूत्र ने कहा, 'घड़गे के 23 वर्षीय बेटे ने आपात स्थिति में उन्हें फोन करके घर आने को कहा था और ऐसा नहीं करने पर आत्महत्या करने की धमकी दी थी.' उन्होंने कहा, 'ऐसे में घड़गे आधे दिन के अवकाश के लिए सहाय के पास गए. अपनी सनक के लिए मशहूर सहाय ने ना सिर्फ छुट्टी देने से इनकार कर दिया, बल्कि घड़गे से सामान्य कार्य घंटों तक काम करने को कहा.'
सूत्र ने कहा, बेटे की ओर से दूसरा फोन आने के बाद घड़गे ने फिर सहाय से अनुरोध किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा, 'सहाय से उन्हें सिर्फ 'ना' सुनने को मिला. दिन के अंत तक घड़गे का डर सच्चाई में बदल गया और उनके घर से सूचना मिली कि उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली.'
संवाददाताओं से बातचीत में राज्य के कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर ने कहा कि उन्होंने घटना की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. फुंडकर ने कहा, 'मैंने घड़गे से बात की है. राज्य के मुख्य सचिव को घटना की जांच का आदेश देने को कहा है.' निर्देशों के आधार पर मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय ने मामले के जांच का आदेश दिया है.
कृषि विभाग के सूत्रों का कहना है कि 12 अगस्त की दोपहर को विभाग के संयुक्त सचिव राजेश घड़गे को उनके बेटे ने आपात स्थिति में फोन किया और जितनी जल्दी संभव हो नवी मुंबई में उससे मिलने को कहा. ऐसा नहीं होने पर उसने आत्महत्या करने की बात कही. यहां मंत्रालय में कृषि विभाग कार्यालय में नियुक्त घड़गे का बेटा अवसाद से जूझ रहा था.
बेटे की बात से घबराए घड़गे ने अतिरिक्त मुख्य सचिव भगवान सहाय से जल्दी घर जाने देने का अनुरोध किया. लेकिन सहाय ने उनकी बात नहीं सुनी और पूरे कार्यसमय तक रोककर काम करवाया. सूत्र ने कहा, 'घड़गे के 23 वर्षीय बेटे ने आपात स्थिति में उन्हें फोन करके घर आने को कहा था और ऐसा नहीं करने पर आत्महत्या करने की धमकी दी थी.' उन्होंने कहा, 'ऐसे में घड़गे आधे दिन के अवकाश के लिए सहाय के पास गए. अपनी सनक के लिए मशहूर सहाय ने ना सिर्फ छुट्टी देने से इनकार कर दिया, बल्कि घड़गे से सामान्य कार्य घंटों तक काम करने को कहा.'
सूत्र ने कहा, बेटे की ओर से दूसरा फोन आने के बाद घड़गे ने फिर सहाय से अनुरोध किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. उन्होंने कहा, 'सहाय से उन्हें सिर्फ 'ना' सुनने को मिला. दिन के अंत तक घड़गे का डर सच्चाई में बदल गया और उनके घर से सूचना मिली कि उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली.'
संवाददाताओं से बातचीत में राज्य के कृषि मंत्री पांडुरंग फुंडकर ने कहा कि उन्होंने घटना की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. फुंडकर ने कहा, 'मैंने घड़गे से बात की है. राज्य के मुख्य सचिव को घटना की जांच का आदेश देने को कहा है.' निर्देशों के आधार पर मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय ने मामले के जांच का आदेश दिया है.
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