सीएम नीतीश कुमार... (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार में नई शराब नीति को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विरोध शुरू हो गया है। विरोध करने वाले विपक्षी दलों के नेता नहीं बल्कि उनके महागठबंधन के विधायक हैं। पिछले साल नवंबर में सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार को पहली बार अपने विधायकों की तरफ से विरोध के स्वर झेलने को मिल रहे हैं।
शुक्रवार से शुरू होने वाले बिहार विधानसभा सत्र में इस विधेयक को पेश किया जाएगा। कैबिनेट में जब इस पर चर्चा हुई थी तभी नीतीश कुमार को इस बात का अहसास हो गया था कि उनके कैबिनेट के सदस्य इस मुद्दे पर उनके विचार से सहमत नहीं हैं, लेकिन उन्होंने मनाकर इसे पास करा लिया था।
अभी तक इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के विधायकों ने विरोध जताया है। विरोध करने वालों में विधायक वीरेंदर, शकील अहमद खान और रामदेव राय जैसे विधायक शामिल हैं। इन विधायकों का कहना है कि अगर किसी घर में जैसा शराब नीति में प्रस्तावित है कि शराब मिलेगी, उस घर के सभी वयस्क सदस्यों को जेल भेजा जा सकता है।
इस कानून का पुलिस के द्वारा जमकर दुरुपयोग किया जाएगा और जनता में सरकार के खिलाफ बैठे-बिठाए नाराजगी पैदा होगी। भाई वीरेंदर हो या रामदेव राय सभी सदस्यों का कहना है कि शराब पर पाबंदी से समाज पर काफी असर हुआ है, लेकिन उल्टे-पुल्टे कानून अगर बन गए तो समाज में नाराजगी बढ़ सकती है, जो कोई राजनेता नहीं चाहता। हालांकि राज्य कैबिनेट की बैठक में नीतीश कुमार ने सदस्यों को आश्वस्त किया था कि इससे समाज में शराब के अवैध कारोबार में लगे लोगों में दहशत पैदा होगी, लेकिन अधिकांश सदस्यों का कहना है कि नीतीश इस मुद्दे पर किसी की नहीं सुनना चाहते और वह अपनी मनमर्जी कर रहे हैं।
विधायकों का मानना है कि इस मुद्दे पर उत्पाद विभाग के अधिकारी उल्टे-पुल्टे कानूनों की राय दे रहे हैं, जो कोर्ट में एक मिनट भी नहीं ठहर पाएंगे। निश्चित रूप से महागठबंधन के विधायक दल की बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहेगा, लेकिन निश्चित रूप से इस विधेयक को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में पारित करना नीतीश कुमार के लिए आसान नहीं होगा।
शुक्रवार से शुरू होने वाले बिहार विधानसभा सत्र में इस विधेयक को पेश किया जाएगा। कैबिनेट में जब इस पर चर्चा हुई थी तभी नीतीश कुमार को इस बात का अहसास हो गया था कि उनके कैबिनेट के सदस्य इस मुद्दे पर उनके विचार से सहमत नहीं हैं, लेकिन उन्होंने मनाकर इसे पास करा लिया था।
अभी तक इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के विधायकों ने विरोध जताया है। विरोध करने वालों में विधायक वीरेंदर, शकील अहमद खान और रामदेव राय जैसे विधायक शामिल हैं। इन विधायकों का कहना है कि अगर किसी घर में जैसा शराब नीति में प्रस्तावित है कि शराब मिलेगी, उस घर के सभी वयस्क सदस्यों को जेल भेजा जा सकता है।
इस कानून का पुलिस के द्वारा जमकर दुरुपयोग किया जाएगा और जनता में सरकार के खिलाफ बैठे-बिठाए नाराजगी पैदा होगी। भाई वीरेंदर हो या रामदेव राय सभी सदस्यों का कहना है कि शराब पर पाबंदी से समाज पर काफी असर हुआ है, लेकिन उल्टे-पुल्टे कानून अगर बन गए तो समाज में नाराजगी बढ़ सकती है, जो कोई राजनेता नहीं चाहता। हालांकि राज्य कैबिनेट की बैठक में नीतीश कुमार ने सदस्यों को आश्वस्त किया था कि इससे समाज में शराब के अवैध कारोबार में लगे लोगों में दहशत पैदा होगी, लेकिन अधिकांश सदस्यों का कहना है कि नीतीश इस मुद्दे पर किसी की नहीं सुनना चाहते और वह अपनी मनमर्जी कर रहे हैं।
विधायकों का मानना है कि इस मुद्दे पर उत्पाद विभाग के अधिकारी उल्टे-पुल्टे कानूनों की राय दे रहे हैं, जो कोर्ट में एक मिनट भी नहीं ठहर पाएंगे। निश्चित रूप से महागठबंधन के विधायक दल की बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहेगा, लेकिन निश्चित रूप से इस विधेयक को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में पारित करना नीतीश कुमार के लिए आसान नहीं होगा।
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