यह ख़बर 07 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मूल सिद्धांतों पर सहमत हुए लोकपाल पैनल के सदस्य

खास बातें

  • हालांकि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को लाने का मुद्दे को लेकर अड़े रहे और इस पर अगली बैठक में वृहद परिपेक्ष्य में चर्चा तय किया गया।
नई दिल्ली:

लोकपाल मुद्दे पर समाजसेवी अन्ना हजारे के अनशन के एक महीने बाद सरकार और समाज के प्रतिनिधि प्रस्तावित कानून में भ्रष्टाचार निरोधक लोकपाल की चयन प्रक्रिया और स्वायत्तता के मूल सिद्धांतों पर आज सहमत हो गए। हालांकि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री को लाने का मुद्दे को लेकर अड़े रहे और इस पर अगली बैठक में वृहद परिपेक्ष्य में चर्चा तय किया गया। इसकी अगली बैठक 23 मई को होगी। लोकपाल विधेयक पर गत आठ अप्रैल को गठित संयुक्त मसौदा समिति की तीसरी बैठक के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि बैठक के दौरान लोकपाल की नियुक्ति में पारदर्शिता, लोकपाल की स्वायत्तता और इसके कार्यालय के लिए वित्तीय स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर सहमति हुई। दस सदस्यीय मसौदा पैनल के सदस्य एवं सूचना अधिकार कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तक केवल एक चौथाई कानून पर ही चर्चा हुई है। उन्होंने कहा, वित्तीय स्वतंत्रता किस माडल पर आधारित होगी अभी इसका निर्णय नहीं किया गया है। विभिन्न माडलों पर चर्चा हुई जिसमें अन्य देशों के माडल तथा उच्चतम न्यायालय, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और केंद्रीय सतर्कता आयोग शामिल हैं। बैठक में लोकपाल की नियुक्ति में व्यापक आधार चयन पैनल होने पर सहमति हुई, इस चर्चा में राज्य में भी इसी तरह का लोकपाल होने का मामला शामिल था। हालांकि मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य स्तरीय लोकपाल के लिए और चर्चा की जरुरत है क्योंकि इस बारे में राज्य सरकारों से सलाह मशविरा की जरुरत है। सिब्बल ने कहा कि यह निर्णय हुआ कि उन क्षेत्रों में कानून के मसौदा तैयार करने में आगे बढ़ा जाये जिन पर समाज के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच सहमति हो गई है। उन्होंने कहा कि इस बात पर सहमति हुई कि उन मुद्दों पर आगे बढ़ा जाये जिन पर सहमति हो गई है और जिन मुद्दों पर चर्चा की जरुरत तथा कानूनी और संवैधानिक बाधाओं पर बाद में चर्चा होगी। सरकार और सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार से निपटने के लिए पैनल का गठन हजारे और उनके समर्थकों के आंदोलन की मुख्य मांग थी। इस समिति की अध्यक्षता वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी कर रहे हैं तथा इसमें केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, वीरप्पा मोइली, सलमाल खुर्शीद और पी चिदम्बरम सदस्य हैं। प्रशांत भूषण और केजरीवाल के अलावा इसमें शांति भूषण, अन्ना हजारे और कर्नाटक के लोकायुक्त संतोष हेगड़े समाज के सदस्य हैं।


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