विज्ञापन
This Article is From May 24, 2019

पिता मुलायम सिंह यादव की यह बात न मानकर अखिलेश यादव ने सपा को पहुंचा दिया इस हालत में

Election 2019 Results : पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव बीएसपी के साथ गठबंधन से बिलकुल नहीं थे. उत्तर प्रदेश की राजनीति को जमीन से समझने मुलायम सिंह यादव हकीकत पहले भी भांप गए थे.

पिता मुलायम सिंह यादव की यह बात न मानकर अखिलेश यादव ने सपा को पहुंचा दिया इस हालत में
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में बड़े जोर शोर से बनाए गए सपा-बसपा और आरएलडी गठबंधन मोदी लहर में पूरी तरह से साफ हो गया है. सपा को जहां मात्र 5 सीटें आई हैं वहीं बीएसपी को 10 सीटें मिली हैं. आरएलडी अपना खाता खोलने में नाकाम रही है. वहीं 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को सिर्फ 1 ही सीट (रायबरेली में सोनिया गांधी) आई हैं. अमेठी से राहुल गांधी भी स्मृति ईरानी से हार गए हैं. लेकिन सबसे बड़ा झटका अखिलेश यादव को लगा है. ऐसा लग रहा है कि बीएसपी से आधी सीटों पर समझौता करने वाली समाजवादी पार्टी के खाते में मायावती की पार्टी का वोट बिलकुल ट्रांसफर नहीं हुआ है. वहीं बीते चुनाव में एक भी सीट नहीं जीतने वाली बीएसपी को इस बार 10 सीटें आई हैं. माने इस समझौते से बीएसपी को इस गठबंधन से सपा से ज्यादा फायदा हुआ है. वहीं कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल तक अपनी सीट नहीं बचा पाई. यहां एक बात ध्यान देने  वाली यह है कि पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव बीएसपी के साथ गठबंधन से बिलकुल नहीं थे. उत्तर प्रदेश की राजनीति को जमीन से समझने मुलायम सिंह यादव हकीकत पहले भी भांप गए थे. दरअसल उत्तर प्रदेश में दोनों ही पार्टियां एक तरह से मुख्य प्रतिद्वंदी रही हैं. जातिगत राजनीति करने वाली इन दोनों पार्टियों का कॉडर भी एक दूसरे को पसंद नहीं करता था. लेकिन अखिलेश को लगता था कि सपा और बसपा का वोट बैंक मिलकर बीजेपी को पीछे छोड़ सकता है. हालांकि उनका यह अंदाजा काफी हद तक गोरखपुर, फूलपुर और कैराना में सही साबित हुआ था. लेकिन लोकसभा चुनाव में अनुभवी मुलायम सिंह का अंदाजा सही साबित हुआ.

यूपी में यादव कुनबे के लिये कहीं खुशी, कहीं गम, जानें- कौन है आगे और कौन पीछे

क्या था मुलायम सिंह यादव ने
मुलायम सिंह यादव ने सपा मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब उन्होंने (अखिलेश यादव) मायावती (Mayawati) के साथ आधी सीटों पर गठबंधन किया है. अखिलेश ने मुझसे पूछे बिना ही बसपा से गठबंधन कर लिया. आधी सीटें देने का आधार क्या है? अब हमारे पास केवल आधी सीटें रह गई हैं. हमारी पार्टी कहीं अधिक दमदार है.भाजपा की प्रशंसा करते हुए मुलायम ने कहा कि भाजपा की चुनावी तैयारी बेहतर है. सपा प्रत्याशियों के नाम जल्द घोषित होने चाहिए ताकि वे अपने क्षेत्र में जाकर जमीनी कार्य कर सकें.

नरेंद्र मोदी के आगे महागठबंधन और राहुल-प्रियंका की जोड़ी फेल!

क्या था गठबंधन में सबसे बड़ा पेंच 
इस गठबंधन में सबसे बड़ा पेंच यह था कि समाजवादी पार्टी के खाते में ज्यादातर वह सीटें आई थीं जिनमें सपा कभी जीती ही नहीं थी. लेकिन अखिलेश को विश्वास था कि बीएसपी को वोट ट्रांसफर होने से इन सीटों पर बाजी पलट जाएगी जो हो नहीं पाया.

कांग्रेस व अन्य दलों के लिए एक बार फिर से मंथन का समय?​

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: