यह ख़बर 07 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

कनिमोई की जमानत पर फैसला 14 तक टला

खास बातें

  • सीबीआई की विशेष अदालत ने 2जी मामले में सह आरोपी कनिमोई की जमानत याचिका पर फैसला 14 मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया।
नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में सह आरोपी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद कनिमोई की जमानत याचिका पर फैसला शनिवार को 14 मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी।इससे पहले, सीबीआई ने विशेष अदालत में कनिमोई की जमानत याचिका को चुनौती देते हुए कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में कनिमोई पूर्व केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ए. राजा के साथ सक्रिय रूप से संलिप्त थीं। अभियोजन पक्ष के वकील यूयू ललित ने सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी की अदालत में कहा, "यह बात पूरी तरह गलत है कि उन्हें कलैगनार टीवी में 200 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित किए जाने की जानकारी नहीं थी, क्योंकि उस समय वह समूह की निदेशक थीं। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के इस पूरे मामले में कनिमोई सक्रिय रूप से संलिप्त थीं।" सीबीआई ने शुक्रवार को अदालत में कनिमोई और राजा के बीच इस मामले में सम्बंध का उल्लेख किया। ललित ने कहा, "यह कहना पूरी तरह से निराधार है कि कनिमोई ने राजा का साथ नहीं दिया। वह 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए शुरुआत से लेकर अंत तक राजा के साथ मिलकर काम कर रही थीं।" कनिमोई की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने दलील दी थी कि राजा के साथ कनिमोई का सम्बंध नहीं है। कनिमोई ने अपनी जमानत याचिका में कहा, "यदि हम यह मान भी लें कि राजा ने कलैगनार टीवी के जरिए डायनेमिक्स समूह से 200 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की थी तब भी मेरे खिलाफ अपराध सिद्ध नहीं होता, क्योंकि इस बारे में मैंने किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए।" सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि कनिमोई राजा को दोबारा दूरसंचार मंत्री बनाने के लिए सक्रिय रूप से मध्यस्थ की भूमिका निभा रही थीं।


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