
महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में भी एनडीए के घटक दलों में आपसी फूट खुलकर सामने आ गई है. लोक जनशक्ति पार्टी ने मंगलवार को ऐलान किया को वह झारखंड की 50 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी. उसने शाम होते-होते पांच उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसका औपचारिक ऐलान किया. लोक जनशक्ति पार्टी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले की आलोचना की है.
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने मंगलवार को ट्वीट करके कहा, "महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण. जनता ने एनडीए सरकार बनाने का जनादेश दिया था. अपनी-अपनी महत्वकांक्षा के कारण प्रदेश में सरकार न बनने देना दुखद."
जेडीयू ने भी झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि अब झारखंड में एनडीए नहीं बचा है. त्यागी ने कहा, "अब झारखंड में कोई एनडीए नहीं है. आपसी समन्वय और तालमेल के अभाव की वजह से अब बीजेपी, एलजेपी और जेडीयू वहां अलग-अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे."
त्यागी ने आरोप लगाया कि बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी की तरफ से झारखंड में एक साथ चुनाव लड़ने को लेकर कभी बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया.
जेडीयू ने महाराष्ट्र में बीजेपी और शिव सेना के बीच टूट को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भी सीधे बीजेपी पर निशाना साधा है. त्यागी ने कहा, "शिव सेना, जेडीयू और अकाली दल एनडीए के संस्थापक दल हैं. अब पहले की तरह एनडीए की मीटिंग नहीं होती है. वैचारिक विषयों पर तालमेल और प्रयास भी नहीं होता है. अब एनडीए में कोई एजेंडा इस समय अस्तित्व में नहीं है."
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