यह ख़बर 20 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

आईएनएस सतपुड़ा युद्धपोत नौसेना में शामिल

खास बातें

  • राडार की निगाह से बच निकलने की क्षमता वाले युद्धपोत, 'आईएनएस सतपुड़ा' को शनिवार को नौ सेना में शामिल कर दिया गया।
मुम्बई:

स्वदेशी तकनीक से निर्मित दूसरे बहु उद्देश्यीय, राडार की निगाह से बच निकलने की क्षमता वाले युद्धपोत, 'आईएनएस सतपुड़ा' को शनिवार को नौ सेना में शामिल कर दिया गया। इसके साथ ही नौसेना की युद्धक क्षमता काफी बढ़ गई है। अत्याधुनिक 142.5 मीटर लम्बे इस युद्धपोत का जलावतरण नौ सेना प्रमुख एडमिरल निर्मल वर्मा ने किया। यह युद्धपोत, समृद्ध शस्त्रागार और संवेदकों का घातक समन्वय है।  शिवालिक श्रेणी का यह दूसरा युद्धपोत नौ सेना के अग्रिम पंक्ति के युद्धपोतों में होगा। नौसेना के बेड़े में फिलहाल 130 पोत हैं। इनमें एक विमान वाहक पोत, 20 विमानों की लैडिंग सुविधा वाले पोत, आठ विध्वंसक, 12 युद्धपोत और 16 लड़ाकू पनडुब्बियां शामिल हैं। यह पोत पूरी तरह भारतीय नौ सेना के एक दल द्वारा तैयार किया गया है। शिवालिक श्रेणी का पहला युद्धपोत, आईएनएस शिवालिक पिछले वर्ष अप्रैल में नौ सेना में शामिल किया गया था। इस श्रेणी का तीसरा युद्धपोत आईएनएस सह्याद्रि को अगले वर्ष नौ सेना में शामिल किया जा सकता है। प्रोजेक्ट 17 के तहत तीन स्टेल्थ युद्धपोतों को निर्मित किया गया है। इस परियोजना पर 8,100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आई है। भारत दुनिया के उन चंद देशों में से है, जिनके पास स्टेल्थ युद्धपोत निर्माण की क्षमता है। इस तरह की क्षमता वाले अन्य देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, चीन, जापान और इटली शामिल हैं। 'आईएनएस सतपुड़ा' बहुमुखी नियंत्रण प्रणालियों और राडार क्रॉस-सेक्शन रिडक्शन गुणों व मिसाइल क्षमताओं से सुसज्जित है। पोत के ये सारे गुण नौ सेना की मारक क्षमता को काफी बढ़ाते हैं। 6,200 टन वजन वाले इस युद्धपोत के लिए यह बात कोई मायने नहीं रखती कि यह समुद्र में अदृश्य रहेगा, बल्कि इसका यह गुण काफी मायने रखता है कि हमले का शिकार होने से पहले ही यह हमला कर बैठेगा। यह युद्धपोत, सतह से हवा में मार करने वाली इजरायली बराक मिसाइल, रूसी क्लुब क्रूज मिसाइल प्रणाली, टारपीडो, पनडुब्बीरोधी मिसाइल और दो हेलीकॉप्टर से सुसज्जित है। यह युद्धपोत यहां स्थित सरकारी स्वामित्व वाले मजगांव डॉक लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है। यह भारतीय नौ सेना की घरेलू डिजाइन और निर्माण परियोजना का एक हिस्सा है। इस युद्धपोत का जलावतरण रक्षा मंत्री एके एंटनी करने वाले थे, लेकिन अंतिम समय में उन्होंने अपनी मुम्बई यात्रा रद्द कर दी। जलावतरण कार्यक्रम के तहत एडमिरल वर्मा ने पोत पर नौसेना का ध्वज फहराया और नौसेना के बैंड ने राष्ट्रगान की धुन बजाई।


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