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This Article is From Aug 12, 2013

भारतीय नौसेना को मिला पहला विमानवाही युद्धपोत 'विक्रांत'

कोच्चि: भारत ने सोमवार को अपना स्वदेशी विमानवाहक (आईएसी) 'विक्रांत' का जलावतरण कराया। इसके साथ ही यह चुनिंदा देशों की कतार में खड़ा हो गया है। तीन अन्य देशों के पास ऐसे विशाल आकार के नौसेना प्लेटफार्म हैं।

रक्षा मंत्री एके एंटनी की पत्नी एलिजाबेथ एंटनी ने मंत्रोच्चार के बाद युद्धपोत का जलावतरण कराया। जलावतरण से पहले उन्होंने पोत के सामने नारियल भी तोड़ा। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि विमानवाहक इस युद्धपोत का जलावतरण देश और नौसेना के लिए 'यादगार दिन' है। उन्होंने कहा, "वास्तव में यह देश के लिए गौरवशाली घड़ी है। यह हमें युद्धपोत की संरचना और निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के हमारे प्रयास को दर्शाता है। इस तरह की क्षमता कुछ चुने हुए देशों के ही पास है।"

एंटनी ने कहा कि अपनी सामुद्रिक हितों को सुरक्षित करने के लिए भारत को अपनी स्वदेशी क्षमता को मजबूत बनाने का काम जारी रखना चाहिए। युद्धपोत निर्माण कार्यक्रम नौसेना की बल संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा। उन्होंने कहा, "किसी प्रकार के दुस्साहस से निपटने के लिए हमारी नौसेना को सदैव उच्चस्तर की तैयारी बनाए रखनी होगी।"

एंटनी ने कहा कि बदलते वर्षो में नौसेना ने खुद को 'खरीदार नौसेना से निर्माता नौसेना" में तब्दील किया है। उन्होंने सोमवार को पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण और इससे पहले शनिवार को परमाणु शक्ति संचालित पनडुब्बी पर परमाणु संयंत्र का चालू होने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "कई क्षेत्रों में हम उपलब्धि हासिल कर रहे हैं। कठिनाइयों के बावजूद हम आगे बढ़ रहे हैं।"

नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी ने कहा कि आईएसी का जलावतरण केवल नौसेना के लिए ही नहीं, बल्कि देश के लिए भी ऐतिहासिक घड़ी है।

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