यह ख़बर 08 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

भारत ने दुनिया के सबसे तेज मिसाइल का सफल परीक्षण किया

फाइल फोटो

भुवनेश्वर:

भारत ने मंगलवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस मिसाइल को भारत-रूस साझा ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा बनाया गया है। इसकी गति अमेरिकी सबसोनिक टॉमहॉक क्रूज मिसाइल से तीन गुना ज्यादा 2.8 मैच है, जिसकी वजह से ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल बन गई है।

एक अधिकारी ने बताया कि ब्रह्मोस का परीक्षण ओडिशा के सैन्य शिविर से किया गया। यह मिसाइल 300 किलोग्राम वजनी मुखाग्र (वारहेड) के साथ 290 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है।

ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण राजधानी भुवनेश्वर से 230 किलोमीटर दूर बालासोर जिले के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से किया गया।

परीक्षण केंद्र के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने बताया कि मिसाइल का परीक्षण सफल रहा। यह सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल है। यह मिसाइल स्वदेशी तकनीक से बनाई गई है।

यह मिसाइल पनडुब्बी, जहाज और विमान से दागी जा सकती है। समुद्र और सतह से मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया जा चुका है और इसे थल सेना एवं नौसेना में शामिल किया जा चुका है।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रवक्ता प्रवीण पाठक ने एक बयान में कहा कि ताजा परीक्षण में मिसाइल ने 2.8 माच की तेजी से निर्धारित 290 किलोमीटर की दूरी तक बिल्कुल सटीक मार की। उन्होंने कहा, 'यह ब्रह्मोस का 44वां परीक्षण था, जो उच्च स्तरीय विश्वसनीयता के साथ किया गया था।'

ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रमुख ए. शिवथानु पिल्लई ने कहा कि यह एक टेक्सबुक लांच था, जो बेहद उच्च विश्वसनीयता के साथ भारतीय थल सेना की ब्रह्मोस 3डी रेजिमेंट द्वारा तैयार मोबाइल ऑटोनोमस लांचर (एमएएल) की सहायता से लांच किया गया था। परीक्षण शत प्रतिशत सफल रहा।

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उन्होंने कहा कि मिसाइल का सफल परीक्षण पर्वतीय इलाकों में छिपे हुए दुश्मन के ठिकाने पर निशाना साधने के लिए भारतीय थल सेना में ब्रह्मोस को शामिल किए जाने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सीमावर्ती लड़ाकू विमानों एसयू-30एमकेआई के साथ एकीकृत ब्रह्मोस की हवाई मिसाइल इस साल के अंत तक लांच की जाएगी।