राफेल लड़ाकू जेट विमान
नई दिल्ली:
फ्रांस का एक उच्च स्तरीय दल 36 राफेल लड़ाकू जेट विमानों के मसौदा करार को अंतिम रूप देने के लिए भारत पहुंच गया है। इस समझौते पर इस महीने के अंत तक हस्ताक्षर होने की संभावना है। फ्रांसीसी रक्षा मंत्री ज्या येव ल द्रिया के गणतंत्र दिवस से पहले भारत आने का कार्यक्रम है। हालांकि वह किस तारीख़ को आ रहे हैं यह अभी तय नहीं हुआ है।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस करार से अंतिम करार का मार्ग प्रशस्त होगा। इस करार पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की यात्रा से पहले हस्ताक्षर होने की संभावना है। ओलांद गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। सूत्रों ने बताया कि फ्रांसीसी सरकार का एक उच्च स्तरीय दल करार को अंतिम रूप देने के लिए शहर में आया हुआ है और वह सैन्य सहयोग की भावी संभावनाओं पर भी विचार विमर्श करेगा।
10 साल से राफेल की ज़रूरत
यदि सब कुछ सही रहा तो 36 राफेल विमानों के अंतिम करार पर शीघ्र ही सहमति बन सकती है जो भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी बात होगी जिसे पिछले 10 सालों से भी ज्यादा से इस विमान की जरूरत थी। हालांकि सरकार के बीच मसौदा करार पर पिछले साल ही हस्ताक्षर होने का कार्यक्रम था किन्तु प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित विभिन्न मुद्दों के चलते इसमें देरी हो गई।
सूत्रों ने बताया कि अड़चनों को दूर करने के लिए दोनों ही पक्षों की ओर से शीर्ष स्तर पर बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले अप्रैल में फ्रांस यात्रा के समय 36 राफेल विमानों को हासिल करने की घोषणा की गयी थी। उसके बाद से इस सौदे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत शुरू हुई। इस घोषणा से भारतीय वायुसेना की आधुनिकीकरण योजना को बढ़ावा मिला क्योंकि निविदा प्रक्रिया के जरिये 126 राफेल विमानों को खरीदने की मूल योजना वर्षों से अटकी पड़ी थी। भारत ने एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा के नेतृत्व में एक समिति गठित की है जो फ्रांस से बातचीत कर रही है।
रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस करार से अंतिम करार का मार्ग प्रशस्त होगा। इस करार पर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की यात्रा से पहले हस्ताक्षर होने की संभावना है। ओलांद गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। सूत्रों ने बताया कि फ्रांसीसी सरकार का एक उच्च स्तरीय दल करार को अंतिम रूप देने के लिए शहर में आया हुआ है और वह सैन्य सहयोग की भावी संभावनाओं पर भी विचार विमर्श करेगा।
10 साल से राफेल की ज़रूरत
यदि सब कुछ सही रहा तो 36 राफेल विमानों के अंतिम करार पर शीघ्र ही सहमति बन सकती है जो भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी बात होगी जिसे पिछले 10 सालों से भी ज्यादा से इस विमान की जरूरत थी। हालांकि सरकार के बीच मसौदा करार पर पिछले साल ही हस्ताक्षर होने का कार्यक्रम था किन्तु प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित विभिन्न मुद्दों के चलते इसमें देरी हो गई।
सूत्रों ने बताया कि अड़चनों को दूर करने के लिए दोनों ही पक्षों की ओर से शीर्ष स्तर पर बातचीत हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले अप्रैल में फ्रांस यात्रा के समय 36 राफेल विमानों को हासिल करने की घोषणा की गयी थी। उसके बाद से इस सौदे से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बातचीत शुरू हुई। इस घोषणा से भारतीय वायुसेना की आधुनिकीकरण योजना को बढ़ावा मिला क्योंकि निविदा प्रक्रिया के जरिये 126 राफेल विमानों को खरीदने की मूल योजना वर्षों से अटकी पड़ी थी। भारत ने एयर मार्शल एसबीपी सिन्हा के नेतृत्व में एक समिति गठित की है जो फ्रांस से बातचीत कर रही है।
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