संसद में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा, 'मैं आपसे गुजारिश करता हूं, जीएसटी बिल पास कर दें'

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बिल को पास करवाने के लिए विपक्षी दलों से समर्थन की मांग करते हुए संसद में कहा, 'मैं गुजारिश करता हूं, इस बिल को पास कर दें।

वित्तमंत्री जेटली ने राष्ट्रहित में सभी दलों से इस बिल का समर्थन करने की अपील है। उन्होंने कहा, 'यह बहुत जरूरी है कि सभी पार्टियां राष्ट्रीय हित के लिए साथ आएं।'

इसके साथ ही उन्होंने तर्क दिया कि अगर इस विधेयक को संसदीय समिति के पास भेज दिया जाता है, तो इससे राज्यों को मिलने वाले वित्तीय फायदों में और एक वित्त वर्ष की देरी हो जाएगी, क्योंकि इससे यह विधेयक एक अप्रैल 2016 की समय सीमा तक कानून का रूप नहीं ले पाएगा।

उन्होंने कहा कि स्थायी समिति पहले ही इस पर करीब ढाई साल तक चर्चा कर चुकी है और विधेयक के प्रावधानों पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की उच्च अधिकार संपन्न समिति में कुछ बिंदुओं को छोड़कर 'व्यापक आम सहमति' है। इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों की उच्च अधिकार संपन्न समिति के जरिए केंद्र और राज्यों के बीच एक प्रकार की आम सहमति बनकर सामने आई है।

वैसे यहां बता दें कि लोकसभा का बजट सेशन तीन दिन और चलना है। वहीं राज्यसभा का सेशन 18 मई को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो जाएगा। हो सकता है कि लोकसभा में बिल पर वोटिंग हो।

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस ने इस अहम आर्थिक सुधार को लेकर अपना समर्थन देने की घोषणा की थी वहीं कांग्रेस, बीजू जनता दल, अन्नाद्रमुक और माकपा के सदस्यों ने इस विधेयक के साथ ही कई अन्य विधेयकों को संसद की स्थायी समितियों में नहीं भेजने के लिए सरकार की आलोचना की और कहा कि सरकार संसद की स्थायी समितियों को नजरअंदाज कर रही है।

मोदी सरकार प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स को 1947 के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बता रही है।

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क्या है जीएसटी...

  • ये अलग-अलग टैक्स ख़त्म कर उनकी जगह एक ही टैक्स प्रणाली लागू करने के लिए है।
  • जीएसटी लागू होते ही सेंट्रल सेल्स टैक्स, एक्साइज़, लग्ज़री, एंटरटेंनमेंट, वैट जैसे अलग-अलग सेंट्रल और लोकल टैक्स खत्म हो जाएंगे।
  • इससे पूरे देश में एक प्रोडक्ट पर लगभग एक जैसा ही टैक्स लगेगा।
  • इसके लागू होने के बाद टैक्स का बराबर हिस्सा केंद्र और राज्यों को मिलेगा।
  • जीएसटी को अप्रैल 2016 से से सरकार लागू करना चाहती है, हालांकि इस पर अभी आम सहमति नहीं बन पाई है।