आधार कार्ड की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर मांग की गई है कि भ्रस्टाचार के खिलाफ बने कानून के तहत मिली सजा को अलग-अलग चलाने की मांग की है. याचिकाकर्ता ने कहा कि निरोधक कानून, बेनामी संपति कानून, मनी लाउंड्रिंग और FCRA के तहत दोषी ठहराए गए व्यक्तियों को दी गई सजा अलग-अलग पूरी करनी चाहिए. इस याचिका को लेकर बीजेपी नेता अश्वनी उपाध्याय ने कहा है कि केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाई जाए, जो विकसित लोकतांत्रिक देशों में कानूनों की समीक्षा कर और उस कानून के किन उपायों को यहां अपना सकें.
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याचिका में ये भी मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट विधि आयोग को भी निर्देश दिए जाएं कि वो भी विकसित लोकतांत्रिक देशों में कानूनों की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट दे. साथ ही याचिका में कहा गया है कि भ्रस्टाचार निरोधक कानून, बेनामी संपति कानून, मनी लाउंड्रिंग और FCRA इस तरह के अपराध में किसी तरह की रियायत नही बरतनी चाहिए क्योंकि इससे पूछा देश प्रभावित होता है. ये IPC के तहत आने वाले जघन्य अपराधों से ज्यादा खतरनाक है. लिहाजा केंद्र इन सभी कानूनों को और मजबूत बनाने का निर्देश दिया जाए.
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याचिका में ये भी मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट विधि आयोग को भी निर्देश दिए जाएं कि वो भी विकसित लोकतांत्रिक देशों में कानूनों की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट दे. साथ ही याचिका में कहा गया है कि भ्रस्टाचार निरोधक कानून, बेनामी संपति कानून, मनी लाउंड्रिंग और FCRA इस तरह के अपराध में किसी तरह की रियायत नही बरतनी चाहिए क्योंकि इससे पूछा देश प्रभावित होता है. ये IPC के तहत आने वाले जघन्य अपराधों से ज्यादा खतरनाक है. लिहाजा केंद्र इन सभी कानूनों को और मजबूत बनाने का निर्देश दिया जाए.
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