विज्ञापन
This Article is From Jul 15, 2016

गुजरात : पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल 9 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा

गुजरात : पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल 9 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा
पटेल आरक्षण के नेता हार्दिक पटेल
सूरत: पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता 22-वर्षीय हार्दिक पटेल 9 महीने जेल में बिताने के बाद जेल से बाहर आने वाले हैं, क्योंकि गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को विसनगर के एक विधायक के कार्यालय में हिंसा से संबंधित एक मामले में जमानत मंजूर कर उनकी रिहाई का रास्ता खोल दिया था। अब आज हार्दिक पटेल की रिहाई हुई है। अब 48 घंटों के भीतर हार्दिक को गुजरात से बाहर जाना होगा। वहीं समाज के लोग आज एक बड़ा रोड शो कर रहे हैं।

हालांकि हार्दिक को अगले छह महीने गुजरात के बाहर बिताने होंगे, क्योंकि शुक्रवार को हाईकोर्ट ने हार्दिक को देशद्रोह के दो मामलों में इसी शर्त पर जमानत दी थी।

बताया जा रहा है कि हार्दिक जेल से बाहर सौराष्ट्र के किसानों की पोशाक में बाहर निकले थे। कहा जा रहा है कि वह खास तौर पर इस ड्रेस में निकले जिसे उन्होंने खुद मंगवाया था। इसके जरिये वह किसानों को अपने साथ जुड़ने का संदेश देना चाहते हैं। अब कहा जा रहा है कि वह उदयपुर में अपना निवास बनाएंगे जहां पर रहकर वह आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। गुजरात से सटे होने के कारण यहां पर समर्थकों को आने में आसानी होगी।

हार्दिक पटेल ने कहा कि यह समाज का आंदोलन है। यह किसी एक आदमी का आंदोलन नहीं है। समाज को जब उसका हक मिल जाएगा तो यह आंदोलन अपने आप समाप्त हो जाएगा। हार्दिक ने कहा कि एक साल से जो आंदोलन चल रहा है उसे आगे ले जाएंगे। समाज के हित के लिए पूरे देश में समाज के लोगों को एकजुट करेंगे और अपना हक लेंगे। हार्दिक पटेल ने इशारों इशारों में पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा कि आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। वहीं, यह बात गौर करने की थी कि अब हार्दिक पटेल किसानों और महिलाओं की भी बात करने लगे हैं।

राज्य सरकार ने हार्दिक के आवेदन का विरोध नहीं किया
न्यायमूर्ति पीपी भट्ट ने हार्दिक की जमानत उस समय मंजूर की थी जब राज्य सरकार ने उनके आवेदन का विरोध नहीं किया। पाटीदार समुदाय के सदस्यों ने हार्दिक को जमानत मिलने की खबर का स्वागत किया।

कांग्रेस ने संभावित रिहाई को 'लोकतंत्र के लिए अच्छा' बताया, जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी ने कहा कि उनकी जमानत का विरोध नहीं करने के उसके फैसले के कारण वह जेल से बाहर आ पाएंगे और उन्हें आंदोलन के आपसी सहमति वाले समाधान की उम्मीद है।

मेहसाणा में मामले की सुनवाई पूरी होने तक हार्दिक नहीं जाएंगे
हालांकि अदालत ने शर्त लगाई है कि हार्दिक विसनगर कस्बे के जिले मेहसाणा में मामले की सुनवाई पूरी होने तक घुस नहीं पाएंगे। अदालत ने यह भी कहा कि हार्दिक नौ महीने बाद इस शर्त में संशोधन का अनुरोध कर सकते हैं और अदालत उस समय उनके आचरण के आधार पर उचित आदेश पारित करेगी।

पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता 22-वर्षीय हार्दिक अभी सूरत की लाजपुर जेल में बंद हैं। वह अक्टूबर, 2015 में गिरफ्तार हुए थे। उन्होंने अपने पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व किया था। हार्दिक पर पटेलों को ओबीसी आरक्षण की मांग स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए हिंसा भड़काने का आरोप है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
पटेल आरक्षण आंदोलन, हार्दिक पटेल, गुजरात हाईकोर्ट, जेल से रिहाई, Patel Reservation Aandolan, Hardik Patel, Gujarat High Court, Release From Jail
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com