खाने पीने की जरूरी चीजों की बढ़ती कीमतों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्थिति का जायजा लिया और राज्यों को जमाखोरों के खिलाफ आपात उपाय और जरूरी वस्तुओं की 'निर्बाध' आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा।
केंद्र ने महंगाई रोकने के उपायों पर चर्चा के लिए चार जुलाई को राज्यों के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रियों की बैठक बुलाई है, जिसकी अध्यक्षता वित्तमंत्री अरुण जेटली करेंगे। बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के क्रियान्वयन सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जरूरी चीजों की मूल्य स्थिति का जायजा लिया और उपभोक्ता मामलों के सचिव केशव देसीराजू को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सुधारात्मक कदम उठाने के लिये पत्र लिखने को कहा। इसके तुरंत बाद देसीराजू ने राज्यों को पत्र लिखकर उनसे स्थिति से निपटने के लिये राज्य स्तर पर तत्काल उपाय किए जाने की जरूरत बताई।
उन्होंने लिखा, 'यह कहने की जरूरत नहीं कि प्याज की कीमतों में वृद्धि सरकार के लिए भारी चिंता का विषय है। आवश्यक वस्तुओं के दाम नियंत्रित करने के लिए हाल में कई कदम उठाए गए।'
राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, 'आवश्यक वस्तुओं की मूल्य वृद्धि आम जनता के बजट पर व्यापक असर डाल सकती है। इसलिए स्थिति पर नियंत्रण के लिए प्रदेश स्तर पर तत्काल उपाय किए जाने की जरूरत है।'
केंद्र ने यह कदम ऐसे वक्त उठया है जब खाने पीने की जरूरी चीजों, खासकर प्याज की कीमत बढ़ी है। राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत 25.30 रुपये प्रतिकिलो पर पहुंच गई हैं, जबकि इसका थोक भाव करीब 18 रुपये किलो पर है।
देसीराजू ने राज्यों से आपूर्ति श्रंखला में आने वाली अड़चन को दूर करने और प्याज की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत पर जोर दिया है, ताकि किसी भी तरह की सट्टेबाजी की संभावनाओं को समाप्त किया जा सके और मूल्य वृद्धि से आम जनता को कोई परेशानी नहीं हो।
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