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This Article is From Apr 13, 2017

कर्नाटक में जीती कांग्रेस, सीएम सिद्धारमैया बोले - हमारे यहां EVM में गड़बड़ी नहीं

कर्नाटक में जीती कांग्रेस, सीएम सिद्धारमैया बोले - हमारे यहां EVM में गड़बड़ी नहीं
वोटिंग मशीन में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर कांग्रेस अब असमंजस की स्थिति में....
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
कांग्रेस ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है, विपक्ष को किया लामबंद
गुजरात विधानसभा के चुनाव बैलेट पेपर से कराने की मांग
पार्टी के नेता दे रहे पार्टी के रुख से उलट बयान, पार्टी असमंजस में
नई दिल्ली: वोटिंग मशीन में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर अगुआकार बनी कांग्रेस अब असमंजस की स्थिति में फंस गई है. कर्नाटक में उपचुनाव की दोनों सीटें जीतने के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा,  "इन विधानसभा क्षेत्रों में, EVM मशीन से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई." सिद्धारमैया तीसरे कांगेसी नेता है जिन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी के अपने ही पार्टी के आरोपों को एक तरह से नकारा है.
गौरतलब है कि कांग्रेस ने ही ईवीएम के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सभी विपक्ष दलों को लामबंद किया था और बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की थी. इतना ही नहीं, कांग्रेस ने 12 विपक्षी दलों सहित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी और गुजरात में बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग की.  

पिछली रात को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी के रुख से उलट बयान दिया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईवीएम में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर चुनाव आयोग के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की थी. अमरिंदर ने कहा कि था अगर ईवीएम में गड़बड़ी हुई होती तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता. अकाली दल सत्ता में होता.

इससे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत पर अपनी ही पार्टी को निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा कि था कि अब बैलेट पेपर से चुनाव करवाने का कोई सवाल ही नहीं उठता. यह प्रगतिवादी कदम नहीं है. मुझे नहीं लगता कि हमें फिर से पुराने तौर-तरीके अपनाने चाहिए.   

उधर, ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के राजनीतिक हमलों के बीच एक बार फिर चुनाव आयोग ने दावा किया है कि इस प्रकार के आरोप बेबुनियाद हैं और साफ कहा है कि ईवीएम के साथ कोई टैंपरिंग संभव नहीं है. चुनाव आयोग मई के पहले हफ्ते में EVM से छेड़छाड़ साबित करने की चुनौती देगा. यह चुनौती 10 दिन तक खुली रहेगी. इस दौरान ईवीएम में तीन से चार स्तर तक टैंपरिंग करने की खुली चुनौती होगी. यही नहीं चुनाव आयोग ईवीएम मशीन खोलकर भी उसमें छेड़छाड़ करने की चुनौती दे सकता है. चुनाव आयोग का कहना है कि 2009 में भी ईवीएम की स्वामित्वता पर सवाल उठाए जाने के बाद हमने खुला चैलेंज दिया था लेकिन कोई इसे प्रूव नहीं कर सका.

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