नई दिल्ली:
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार की रात 10:30 के आसपास भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. हालांकि भूकंप की तीव्रता का तुरंत पता नहीं चल सका लेकिन लोग डर जरूर गए. दिल्ली में कुछ दफ्तरों में बैठे लोगों ने भी झटके महसूस किए. दिल्ली के अलावा उत्तराखंड और चंडीगढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप ब्यूरो के अनुसार भूकंप की तीव्रता 5.8 थी. भूकंप का केंद्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के पीपलकोटि को बताया जा रहा है. भूकंप जमीन के 33 किलोमीटर नीचे आया था और 7-10 सेकेंड तक झटके महसूस किए गए.
देहरादून और हरिद्वार में अपेक्षाकृत ज्यादा तेज झटके महसूस हुए. देहरादून में लोग घरों से बाहर आ गए. वहीं मसूरी और पिथौरागढ़ जैसी पहाड़ी जगहों पर झटके ज्यादा तेज नहीं थे. अमेरिकी जीयोलॉजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप की तीव्रता 5.6 थी.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात कहा कि उन्होंने देश के उत्तरी भाग में आए भूकंप के बाद के हालात का जायजा लिया है. उन्होंने ट्वीट किया, "मैंने उत्तर भारत के विभिन्न भागों में भूकंप आने के बाद के हालात का जायजा लिया और अधिकारियों से बात की." उन्होंने ट्वीट किया, "पीएमओ भूकंप का केंद्र रहे उत्तराखंड में अधिकारियों के संपर्क में हैं. मैं सभी की सुरक्षा और कुशल होने की प्रार्थना करता हूं."
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की इकाई राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान ब्यूरो के ऑपरेशन प्रमुख जेएल गौतम ने बताया कि भूकंप का केन्द्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में था. उन्होंने बताया, ‘‘भूकंप की गहराई 33 किलोमीटर थी और यह रात 10 बजकर 33 मिनट पर आया.’’ हिमालय क्षेत्र में आने वाला उत्तराखंड अधिक भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है. भूकंप के झटके पंजाब, हरियाणा, उनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में भी महसूस किये गये, जिसके बाद कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए.
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भी झटके महसूस किए जाने की खबर है. केद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भूकंप पर रिपोर्ट तलब की है और डिजास्टर रिस्पॉन्स टीम को अलर्ट पर रखा गया है.
गौरतलब है कि दिसंबर और जनवरी के महीने में पूर्वोत्तर भारत में तीन बार भूकंप आया था. हालांकि उनमें जानमाल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था.
देहरादून और हरिद्वार में अपेक्षाकृत ज्यादा तेज झटके महसूस हुए. देहरादून में लोग घरों से बाहर आ गए. वहीं मसूरी और पिथौरागढ़ जैसी पहाड़ी जगहों पर झटके ज्यादा तेज नहीं थे. अमेरिकी जीयोलॉजिकल सर्वे के अनुसार भूकंप की तीव्रता 5.6 थी.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार रात कहा कि उन्होंने देश के उत्तरी भाग में आए भूकंप के बाद के हालात का जायजा लिया है. उन्होंने ट्वीट किया, "मैंने उत्तर भारत के विभिन्न भागों में भूकंप आने के बाद के हालात का जायजा लिया और अधिकारियों से बात की." उन्होंने ट्वीट किया, "पीएमओ भूकंप का केंद्र रहे उत्तराखंड में अधिकारियों के संपर्क में हैं. मैं सभी की सुरक्षा और कुशल होने की प्रार्थना करता हूं."
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की इकाई राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान ब्यूरो के ऑपरेशन प्रमुख जेएल गौतम ने बताया कि भूकंप का केन्द्र उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में था. उन्होंने बताया, ‘‘भूकंप की गहराई 33 किलोमीटर थी और यह रात 10 बजकर 33 मिनट पर आया.’’ हिमालय क्षेत्र में आने वाला उत्तराखंड अधिक भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है. भूकंप के झटके पंजाब, हरियाणा, उनकी संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में भी महसूस किये गये, जिसके बाद कई लोग अपने घरों से बाहर निकल आए.
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भी झटके महसूस किए जाने की खबर है. केद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भूकंप पर रिपोर्ट तलब की है और डिजास्टर रिस्पॉन्स टीम को अलर्ट पर रखा गया है.
गौरतलब है कि दिसंबर और जनवरी के महीने में पूर्वोत्तर भारत में तीन बार भूकंप आया था. हालांकि उनमें जानमाल का ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था.
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