विज्ञापन
This Article is From Sep 17, 2019

कर्नाटक में ट्रायल के दौरान क्रैश हुआ 'रुस्तम 2', डीआरडीओ के अधिकारी जांच में जुटे

मिली जानकारी के अनुसार यह हादसा उस वक्त हुआ जब इसे ट्रायल के लिए उड़ाया जा रहा था. घटना की सूचना मिलने के बाद डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं.

कर्नाटक में ट्रायल के दौरान क्रैश हुआ 'रुस्तम 2', डीआरडीओ के अधिकारी जांच में जुटे
डीआरडीओ का रुस्तम 2 हुआ क्रैश
नई दिल्ली:

कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के जोडीचिकेनहल्ली इलाके में मंगलवार सुबह रुस्तम 2 (एक अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) ) क्रैश हो गया. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया था. मिली जानकारी के अनुसार यह हादसा उस वक्त हुआ जब इसे ट्रायल के लिए उड़ाया जा रहा था. घटना की सूचना मिलने के बाद डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. और क्रैश के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है. बता दें कि चैलकेरे एरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) में आउट-डोर परीक्षण किया जाता है. यहां खास तौर पर डीआरडीओ की तरफ से मानव रहित विमानों पर काम किया जाता है.

टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण : रक्षा मंत्रालय

बताया जा रहा है कि क्रैश इस इलाके के आसपास हुई है. एक अधिकारी ने बताया कि इस ट्रायल के बारे में आसपास के रहने वाले लोगों को कोई जानकारी नहीं थी. इस वजह से क्रैश के बाद लगा कि कोई छोटा विमान क्रैश हुआ है. और वह उसे देखने के लिए घटनास्थल के आसपास पहुंचे. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने फिलहाल पूरे इलाके को घेर लिया है. डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कई अन्य टीमें भी मौके पर मौजूद हैं जो इस घटना की जांच में जुटी हैं. 

दिल्ली: DRDO परिसर में सुरक्षाकर्मी ने खुद को गोली मारी, मौत 

गौरतलब है कि डीआरडीओ ने कुछ  दिन पहले ही रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में स्वदेश निर्मित ‘मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल' (एमपीएटीजीएम) का सफल परीक्षण किया था. रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि एमपीएटीजीएम के सफल परीक्षण की यह तीसरी श्रृंखला है. इसका इस्तेमाल सेना करेगी. वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी थी. अधिकारियों ने कहा था कि इस परीक्षण के साथ ही मनुष्य द्वारा ले जाने योग्य टैंक रोधी निर्देशित मिसाइल की तीसरी पीढ़ी को स्वदेश में विकसित करने का सेना का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

DRDO के पूर्व वैज्ञानिक ने किया दावा, भारत अगले 10 बरसों में चंद्रमा पर अपना बेस स्थापित करेगा

रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय सेना के मनोबल में बढोतरी के तहत डीआरडीओ ने आज कुरनूल रेंज से स्वदेश विकसित कम वजनी, दागो और भूल जाओ एमपीएटीजीएम का सफल परीक्षण किया.”मंत्रालय ने बताया था कि इस मिसाइल को मनुष्य द्वारा ढो सकने वाले ट्राइपॉड लॉन्चर से दागा गया और इसने निर्धारित लक्ष्य को भेदा. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
महिलाओं के खिलाफ अपराध क्षमा योग्य नहीं: कोलकाता रेप और मर्डर मामले पर पीएम मोदी
कर्नाटक में ट्रायल के दौरान क्रैश हुआ 'रुस्तम 2', डीआरडीओ के अधिकारी जांच में जुटे
चंपई सोरेन ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान, कहा- "रास्ते में मिला कोई दोस्त, तो..."
Next Article
चंपई सोरेन ने किया नई पार्टी बनाने का ऐलान, कहा- "रास्ते में मिला कोई दोस्त, तो..."
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;