तूफान का सामना करके ओडिशा अभी निकल भी नहीं पाया है कि उसे बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। कम से कम पांच जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हेलीकॉप्टर से सूबे का जायजा लिया।
वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर कांग्रेस ने इल्जाम लगाया है कि वह त्रासदी के समय राहत और बचाव का सेहरा लूटने में लगे हैं।
तूफान की वजह से भारी बारिश हुई और जगह−जगह पानी भरा है। मयूरभंज और बालासोर के अलावा चांदीपुर के करीब बड़ापाल में कई लोग बाढ़ की वजह से फंसे हुए हैं। गंजाम जिले के भी कई गांव पानी में डूबे हुए हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद के लिए वायुसेना भी जुटी हुई है। प्रभावित इलाकों में वायुसेना के विमानों की मदद से खाने और जरूरी समानों का पैकेट गिराया जा रहा है।
इस काम में वायुसेना के तीन विमान लगे हुए हैं, जिनकी मदद से 15 हजार खाने के पैकेट गिराए गए हैं। वायुसेना का कहना है कि राहत के लिए उनकी तैयारी पूरी है और जरूरत पड़ने पर वह और राहत सामग्री गिराने के लिए तैयार है।
उधर, फैलिन तूफान के बाद भुवनेश्वर से 120 किलोमीटर दूर लोगों का गुस्सा उफान पर है। गंजाम जिले के लोगों ने रास्ता जाम कर दिया है और यहां कई किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। ये लोग अपने घरों में पानी भरने से नाराज हैं।
गंजाम जिले के करीब आधा दर्जन गांव पानी में डूबे गए है। यह पानी पास में बने सालिया बांध के भर जाने से आया है। गांव में पानी भरने से 2000 से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ने पर मजबूर हुए है।
लोगों की शिकायत है कि तूफान के बाद सरकारी मदद इन तक नहीं पहुंची ऊपर से बाढ़ की मार पड़ी है। ओडिशा में चक्रवाती तूफान के बाद बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है, महानदी सुवर्ण रेखा बुढ्ढा बालन जैसी प्रमुख नदियां उफान पर है।
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