CSIR ने विकसित की तकनीक, इससे गांवों में तीन हफ्तों में ही तैयार हो सकेगा ऑक्‍सीजन प्‍लांट

CSIR ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे सुदूर गांव देहात में 3 हफ्तों में ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया जा सकता है और इससे प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन तैयार हो सकेगी.

CSIR ने विकसित की तकनीक, इससे गांवों में तीन हफ्तों में ही तैयार हो सकेगा ऑक्‍सीजन प्‍लांट

CSIR के डॉक्‍टर शेखर मांडे के अनुसार, इस तकनीक के जरिये हवा से ऑक्‍सीजन ली जा सकती है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

खास बातें

  • NDTV ने CSIR के DG डॉक्टर शेखर मांडे से की बात
  • इस तकनीक के जरिये हवा से ही ली जा सकती है ऑक्‍सीजन
  • प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन तैयार हो सकेगी
नई दिल्ली:

कोरोना सांस की बीमारी है जिसमे ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में कोरोना के खिलाफ 'जंग' में काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे सुदूर गांव देहात में 3 हफ्तों में ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया जा सकता है और इससे प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन तैयार हो सकेगी. इस संबंध में NDTV ने CSIR के महानिदेशक डॉक्टर शेखर मांडे से बात की. उन्‍होंने कहा कि DPiT dept और स्वास्थ्य मंत्रालय ने खुलासा किया है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं है.

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डॉक्‍टर मांडे के अनुसार, देहरादून की प्रयोगशाला ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार की है जिसके ज़रिए हवा से ऑक्सीजन लेकर उसको एनरिच किया जा सकता है. छोटे गांव में ऑक्सीजन के लिए काफी दूर जाना होता है.सिलिंडर वाली तकनीक से ऑन साइट ऑक्सीजन बनाने में मानव संसाधन (ह्यूमन रिसोर्सेज) कम लगेगा. प्रकिया आसान है और इसके जरिये 3 हफ्तों में ऑक्सीजन प्लांट तैयार किया जा सकता है जहां ऑक्सीजन बनाया जा सकता है. बड़े वाले प्लांट 100 से 500 लीटर/मिनट के हैं.

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उन्‍होंने बताया कि अगर 2500 लीटर/मिनट की क्षमता चाहिए हो तो 5 प्लांट उसी जगह लगा सकते हैं. डॉ. मांडे के अनुसार, इस बारे में राज्यों को बताया गया है और सोशल मीडिया पर भी बताया गया है कि जानकारी के लिए हमसे संपर्क किया जा सकता है.