
दुनियाभर में कोरोनावायरस (Coronavirus) का भीषण प्रकोप है. हालांकि पश्चिमी देशों की तुलना में भारत की स्थिति काफी बेहतर है. अमेरिका (America) में कोरोनावायरस से मरने वाली संख्या 25,000 के पार जबकि इटली और स्पेन में Covid-19 से मौतों का आंकड़ा 20 हजार से ऊपर है. विश्व स्वास्थ्य संठगन (WHO) ने कोरोनावायरस को रोकने के लिए भारत की ओर से उठाए गए कदमों की सराहना की है. आइए जानते हैं कि भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्ट (बेहतरीन) लॉकडाउन मॉडल कैसे तैयार किया.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत का यह मॉडल सलाह-मशविरे, लगातार बदलाव और सहकारी संघवाद के ज़रिए विकसित किया गया. सरकार ने 24 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही इसकी क़वायद शुरू कर दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) कोरोना संकट को लेकर लगातार समाज के अलग अलग तबक़ों से बात करते रहे. इसमें दिए गए सुझावों को उन्होंने नोट किया. मुख्यमंत्रियों के साथ हुई चर्चा से भी कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले.
सूत्रों ने बताया कि कोरोनावायरस से लड़ाई के लिए 11 सशक्त समूह (Empowered Group) बनाए गए. इन्होंने सलाह की प्रक्रिया बड़े पैमाने पर शुरू की. इन्होंने उद्योग, शिक्षा क्षेत्र विशेषज्ञों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, किसान संगठनों आदि से चर्चा की. पीएम मोदी ने एंपॉवर्ड ग्रुप के साथ लंबी बैठकें कीं और हर बिंदु को बरीकी से परखा गया. इसके बाद एक बुनियादी मॉडल बनाने का निर्णय हुआ जिसमें न्यूनतम बाध्यकारी दिशानिर्देश बनाने का फैसला हुआ. इसमें राज्य अपने से जोड़ सकते हैं लेकिन कुछ हटा नहीं सकते.
यह तय हुआ कि सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) पर कोई समझौता नहीं होगा. बड़े पैमाने पर लोगों की आवाजाही को लेकर चिंता थी. ये तय हुआ कि विभिन्न स्तरों पर नजर रखी जाएगी. इस योजना को बनाने में दस दिन लगे. इसीलिए पीएम मोदी ने 11 अप्रैल को 'जान' और 'जहान' दोनों की बात की. गाइडलाइन (दिशा-निर्देशों) से यह सुनिश्चित हुआ कि कृषि गतिविधियां, निर्माण, लॉजिस्टिक्स, ई कॉमर्स आदि शुरू हो सकें और इसका कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई पर कम से कम असर पड़े.
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