दहीहांडी की ऊंचाई पर विवाद, सरकारी फरमान से नाराज खिलाड़ी

दही हांडी (फाइल तस्वीर)

मुंबई:

मुम्बई में बड़ी धूमधाम से मनते गोकुल अष्टमी के त्यौहार पर इस साल विवाद का साया है। इस त्योहार में महाराष्ट्र भर में गोविंदाओं की टोलियां इंसानी पिरामिड बनाती हैं। इस दहीहांडी की ऊंचाई कितनी हो? इस पर सरकार और खिलाड़ी आमने-सामने हैं। खिलाड़ी परेशान हैं कि उन्हें महज 20 फ़ीट तक ही ऊंचे इंसानी पिरामिड बनाने की अनुमति पुलिस दे रही है। नोटिस में पुलिसिया आदेश न मानने पर कार्रवाई की बात भी कही गई है।

दहीहांडी समन्वय समिति के सचिव कमलेश भोईर ने एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए सवाल पूछा है कि, सिर्फ 20 फ़ीट कोई ऊंचाई है? इतने ऊंचे पिरामिड तो हम नींद से उठ कर बना दें। हम चाहते हैं की 10 लेवल से ऊंचा पिरामिड बना कर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित करें।

गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड में 9 इन्सानी लेवल्स बनाकर रचा ह्यूमन पिरामिड विश्व कीर्तिमान का दर्ज़ा हासिल कर चुका है। यह वर्ल्ड रिकार्ड स्पेन के नाम है। जिसे तोड़ने की कोशिश पिछले साल से मुम्बई के गोविंदाओं की टोली कर रहीं हैं। लेकिन पुलिसिया फरमान से उन्हें यह अब बस सपना भर लग रहा है।

उधर, दहीहांडी की ऊंचाई कितनी हो? इस बात पर सरकार भी खुलकर सामने नहीं आ रही। राज्य सरकार ने बुधवार को एक सरकारी आदेश जारी कर कहा है कि, गोविंदाओं की ह्यूमन पिरामिड बनाने की कला को वह एडवेंचर स्पोर्ट्स का दर्ज़ा बहाल कर रही है। अपने फरमान के साथ सरकार ने कहा है कि, इस खेल में 12 साल से छोटे बच्चे सहभागी नहीं हो सकते और जो सहभागी होनेवाले हैं उन्हें अभिभावकों की NoC लानी होगी। इस दौरान हांडी की ऊंचाई कितनी हो इसपर सरकार चुप है।

महाराष्ट्र के खेल मंत्री विनोद तावड़े ने संवादतातों के सवाल पर कहा है कि, दही हांडी के लिए जरूरी नियम क़ानून का पूरा ख़ाका उसकी असोसिएशन बनाएगी।

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मटकी फोड़ने के लिए बने इंसानी चबूतरे से गिरकर हर साल मुम्बई में कई बच्चे जख़्मी होते हैं। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार की चुप्पी से होगा तो बस यही की, बच्चे ऊंचाई से गिरते रहेंगे और सरकार देखती रहेगी।