जूडिशियल मिसकंडक्ट के आरोपी जज को हटाने के लिए पीएम, राष्ट्रपति से CJI ने की सिफ़ारिश

सीजेआई ने रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला को हटाने की सलाह दी और अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से उन्हें हटाने की सिफारिश की है.

जूडिशियल मिसकंडक्ट के आरोपी जज को हटाने के लिए पीएम, राष्ट्रपति से CJI ने की सिफ़ारिश

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा (फाइल फोटो)

खास बातें

  • CJI ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के जज एसएन शुक्ला को हटाने की सिफारिश की है.
  • उन पर जूडिशियल मिसकंडक्ट का आरोप है.
  • यह मेडिकल प्रवेश घोटाला का मामला है.
नई दिल्ली :

मेडिकल प्रवेश घोटाला से जुड़े एक मामले में चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के जज एसएन शुक्ला को हटाने की सिफारिश की है. उन पर जूडिशियल मिसकंडक्ट का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक, जजों के पैनल ने जस्टिस एस एन शुक्ला को हटाने की सिफ़ारिश की थी. सीजेआई ने रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला को हटाने की सलाह दी और अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से उन्हें हटाने की सिफारिश की है.

मेडिकल प्रवेश घोटाला वह मामला है, जिसमें कुछ ब्लैकलिस्टेड मेडिकल कॉलेजों द्वारा छात्रों का अवैध तरीके से दाखिला कराया गया था. घोटाले में सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दुसी (इशरत मसरूर कुद्दुसी) की गिरफ्तारी हुई थी. 

मेडिकल एडमिशन घोटाले में शामिल होने के प्रमाण मिलने के बाद तीन जजों की इन-हाउस कमिटी ने मेडिकल प्रवेश घोटाले में न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला की भूमिका की जांच की और उनके बारे में प्रतिकूल टिप्पणी की. भारत के मुख्य न्यायाधीश को दी अपनी रिपोर्ट में पैनल ने जज को हटाने की सिफारिश की थी. एक न्यायाधीश को हटाने की प्रक्रिया महाभियोग के समान ही है और संसद में सांसदों द्वारा मतदान के माध्यम से इस प्रक्रिया को किया जाता है.

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न्यायमूर्ति शुक्ला की भूमिका नजर में तब आई जब उन्होंने एक निजी मेडिकल कॉलेज को सरकारी प्रतिबंध के बावजूद छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी थी. आरोप हैं कि सितंबर माह में, जब सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ स्थित जीसीआरजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस को 2017-18 सत्र के लिए छात्रों को प्रवेश देने की इजाजत देने से रोक दिया था तब न्यायमूर्ति शुक्ला ने अपने स्वयं के पीठ के आदेश में हस्तलिखित परिवर्तन किए थे.

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