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This Article is From Nov 02, 2018

महागठबंधन पर महामंथन: दिल्ली में एक दिन और चंद्रबाबू नायडू की राहुल, अखिलेश, शरद पवार और फारुक से मुलाकात, क्या बन पाएगी बात

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) से पहले मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष पूरी तरह से एकजुट होने की कोशिशों में लगा है.

महागठबंधन पर महामंथन: दिल्ली में एक दिन और चंद्रबाबू नायडू की राहुल, अखिलेश, शरद पवार और फारुक से मुलाकात, क्या बन पाएगी बात
चंद्रबाबू नायडू कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिले
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष पूरी तरह से एकजुट होने की कोशिशों में लगा है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) भी विपक्ष के एक छतरी के नीचे लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. यही वजह है कि गुरुवार को वह दिल्ली में विपक्षी दलों के कई नेताओं से मिले और गैर बीजेपी दलों को एक साथ आने का आह्वान किया. 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने के उद्देश्य से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) सहित कई विपक्षी दलों के प्रमुखों से मुलाकात की. तेदेपा प्रमुख नायडू ने कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन को देश की रक्षा के लिए ‘लोकतांत्रिक विवशता' बताया. राहुल गांधी और नायडू ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सभी विपक्षी दलों के समक्ष मुख्य चुनौती साथ मिल कर काम करके भारत की संस्थाओं तथा लोकतंत्र की रक्षा करने की है. हालांकि, उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि भाजपा विरोधी गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा.

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राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘बाकी सब बाद में है. हम वह करेंगे जो हमारी मुख्य चुनौती है. आपकी रुचि उम्मीदवारों में है, हमारी रुचि देश में है.' हालांकि नायडू ने कहा, ‘आप जानते हैं कि यह वास्तविकता है कि कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है. अन्य सभी दल जरूरी हैं. इसलिए, हम इन चीजों पर काम करेंगे. हमारा मुख्य लक्ष्य देश को बचाना है.' गौरतलब है कि तेदेपा के भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए से अलग होने के बाद चंद्रबाबू नायडू राहुल गांधी से पहली बार मिले हैं. राहुल और तेदेपा नेता ने मई में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में मंच साझा किया था. नायडू और राहुल के बीच यह मुलाकात एक ऐसे वक्त हुई है, जब दोनों नेताओं की पार्टियां तेलंगाना विधानसभा चुनावों में सीट साझा करने पर बातचीत कर रही हैं. तेलंगाना में विधानसभा चुनाव सात दिसंबर को होने वाले हैं.

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चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से भी मुलाकात की. नायडू ने दिल्ली हवाई अड्डे पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की. चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘आज देश और लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है. इसलिए मैंने राहुल जी से भी चर्चा की. सैद्धांतिक रूप से, हम (गठबंधन पर) सहमत हैं. आप में से कुछ को हमारे अतीत को लेकर संहेद होगा. यह अब लोकतांत्रिक विवशता है, हम देश को बचाने के लिए एक साथ आ रहे हैं.' यह पहली बार है जब तेदेपा, कांग्रेस के साथ मिलकर काम करेगी. इससे पहले वह एनडीए-1 और इस साल मार्च तक एनडीए-2  सरकारों का हिस्सा रही है. 

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तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने राहुल से शीर्ष नेताओं अहमद पटेल और अशोक गहलोत की मौजूदगी में मुलाकात की. राहुल ने पत्रकारों से कहा, ‘हम एक साथ आ रहे हैं, हम एक साथ काम करेंगे. भारत, हमारी संस्थाएं और हमारे लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी विपक्षी ताकतें एक साथ काम करेंगी.'     वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि तेदेपा हताशा में है क्योंकि पार्टी नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की जा रही है. राहुल ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू की मौजूदगी में कहा कि उन दोनों ने ‘पीछे पलट कर ना देखने' और वर्तमान तथा भविष्य पर बात करने का निर्णय लिया है क्योंकि देश के लिए यह ‘‘महत्वपूर्ण'' है. 

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चंद्रबाबू नायडू से मिलने के बाद, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि गैर भाजपा दल मौजूदा सरकार से लोहा लेने के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम लेकर आएंगे. उन्होंने सीबीआई और आरबीआई जैसी संस्थाओं पर ‘‘हमले'' पर चिंता जताई. नायडू से मुलाकात के बाद अब्दुल्ला ने दावा किया कि देश ‘‘मुश्किल'' समय से गुजर रहा है. उन्होंने कहा ,‘आज, लोकतंत्र खतरे में है और लोग खतरे में हैं. इसलिए हम सबने मुलाकात कर लोकतंत्र, संस्थाओं तथा देश को बचाने के लिए न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर काम करने का फैसला किया.'

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