देश में कोरोना का कहर जारी है. कोरोनावायरस से भारत में अब तक 650 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 20 हजार से ज्यादा इसके संक्रमण के शिकार हैं. इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने अस्पताल के अंदर मोबाइल फोन को ले जाने पर पाबंदी लगा दी है. सरकार ने कहा कि यह एक जोखिम है और इससे कोरोनावायरस का संक्रमण चारों तरफ जा सकता है. राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और मरीजों को अस्पतालों के अंदर सेल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. उन्होंने कहा कि आइसोलेशन वार्ड में मरीजों के इस्तेमाल के लिए लैंडलाइन और इंटरकॉम लगाया जाएगा. उधर, भारतीय जनता पार्टी ने इसे वायरल हुए वीडियो से जोड़ा है.
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने इस कदम को आज सुबह ट्वीट किए एक वीडियो से जोड़ा, जिसे सोमवार से वह कई बार पोस्ट कर चुके हैं. हालांकि NDTV ने वीडियो की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की है. यह वीडियो जाहिर तौर पर कोलकाता के नोडल अस्पतालों में से एक एमआर बांगुर के एक आइसोलेशन वार्ड के अंदर एक कोविड-19 रोगी द्वारा लिया गया था. वीडियो का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा वार्ड में पड़े दो शव हैं, जिन्हें निकालने का इंतजार किया जा रहा है. यहां तक कि अन्य मरीज भी इधर-उधर घूमते और चिकित्सा की प्रतीक्षा करते नजर आ रहे हैं.
वीडियो शूट करने वाला व्यक्ति यह कहते हुए सुना जा सकता है कि शव दो से तीन घंटे से वार्ड में पड़े हैं. शवों में से एक प्लास्टिक की चादर से ढका हुआ दिखता है. वहीं, दूसरा एक कपड़े ढका हुआ है. शव के दोनों तरफ रोगी बैठे दिख रहे हैं.
What's very concerning is, inspite of this VDO being super-viral on all platforms, TILL NOW the WB Govt of @MamataOfficial Didi, did not come up with any claim that this is a fake VDO or that the hospital is not Bangur!!That takes us Very Close to believing it is indeed authentic https://t.co/Ec92ByNdgg
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) April 21, 2020
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने वीडियो ट्वीट कर ममता बनर्जी सरकार से इसकी सच्चाई की पुष्टि करने को कहा है. बाबुल सुप्रियो ने ट्वीट कर कहा कि सभी प्लेटफॉर्म पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद भी अभी तक राज्य सरकार ने यह दावा नहीं किया है कि वीडियो फर्जी है, या कि यह अस्पताल बांगुर नहीं है!! इससे 'यह हमें विश्वास करने के करीब लाता है कि यह वास्तव में सही है.'
बाबुल सुप्रियो ने यह भी दावा किया कि वीडियो को शूट करने वाले रोगी कोविड की जांच में नेगेटिव पाया गया और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. हालांकि उसे पुलिस ने उठा लिया. उन्होंने यह भी कहा कि वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति ने नंबर पर बार-बार फोन करने से कोई नतीजा नहीं निकला. फोन या तो स्विच ऑफ बताता रहा या फिर रेंज से बाहर. राज्य सरकार ने इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है.
पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस महासचिव पार्थ चटर्जी के हवाले से न्यूज एजेंसी PTI ने कहा कि वीडियो की सत्यता का पता लगाने की जरूरत है और यदि यह सही पाई जाती है तो प्रशासन उचित कदम उठाएगा. चटर्जी ने कहा, 'हमें पहले जांचना होगा कि वीडियो सही है या नकली, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भाजपा फर्जी वीडियो फैलाने में माहिर है.'
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