नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ विपक्ष पार्टियां समेत पूरे देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है. राजधानी दिल्ली के अलावा यूपी, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, असम सहित कई राज्यों में CCA को लेकर विरोध जताया जा रहा है. वहीं गुजरात के बीजेपी महासचिव मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि उनकी कच्छ में पाकिस्तान से आए शरणार्थियों से मुलाकात हुई और उन्होंने 7 शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाण पत्र दिया.
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मनसुख मंडाविया ने ट्विटर पर लिखा, ''आज कच्छ, गुजरात में पाकिस्तान से आये शरणार्थियों से मुलाकात की और 7 शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाणपत्र दिया. CAA को लेकर सभी में उत्साह और जश्न का माहौल हैं. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार द्वारा लिया ये ऐतिहासिक फैसला इन लोगों के जीवन में नया सवेरा लेकर आया है.''
आज कच्छ, गुजरात में पाकिस्तान से आये शरणार्थियों से मुलाकात की और 7 शरणार्थियों को नागरिकता प्रमाणपत्र दिया। #CAA को लेकर सभी में उत्साह और जश्न का माहौल हैं। प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की सरकार द्वारा लिया ये ऐतिहासिक फैसला इन लोगों के जीवन मे नया सवेरा लेकर आया है। pic.twitter.com/9MTclmuAUo
— Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) December 20, 2019
बताते चले कि संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में देश के अनेक हिस्सों में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षाबलों को शुक्रवार को हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश में मोबाइल इंटरनेट और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. एक अधिकारी के मुताबिक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में शुक्रवार को 12 पुलिस थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू की गई है और इन क्षेत्रों में पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला जहां तीन दिन पहले संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी.
अब तक क्या-क्या हुआ?
नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. 15 दिसंबर को इस कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. इस प्रदर्शन में कई छात्रों समेत पुलिस के कुछ जवान भी घायल हो गए. जामिया की घटना के अगले दिन 16 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सीलमपुर में जमकर प्रदर्शन हुए. इस प्रदर्शन के दौरान पथराव की घटना हुई.
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17 दिसंबर को देश के दूसरे हिस्सों में भी प्रदर्शन शुरू हो गए. जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के समर्थन में देश के कई यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन हुए. कई यूनिवर्सिटी को 5 जनवरी, 2020 के लिए बंद कर दिया गया है और छात्रों से हॉस्टल खाली करा लिया गया. उधर जामा मस्जिद के इमाम ने कहा है कि इस कानून से देश के मुसलमानों को कोई लेना देना नहीं है. उन्हें नहीं डरना चाहिए. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए 19 दिसंबर, 2019 को देश के कई हिस्सों में धारा 144 लागू कर दी गई.
उधर गृहमंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि चाहे जितना भी विरोध हो इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा. उनका कहना है कि यह कानून देश की जनता के लिए नहीं है, यह कानून उन अल्पसंख्यक लोगों के लिए है जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताड़ित होकर भारत में शरणार्थी के रूप में आए हैं.
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