विज्ञापन
This Article is From Nov 19, 2012

अविश्वास प्रस्ताव : भाजपा ने तृणमूल सांसदों की संख्या पर उठाया सवाल

कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तृणमूल कांग्रेस के पास पर्याप्त संख्या नहीं है। पार्टी ने कहा कि उसने अभी यह तय नहीं किया है कि समर्थन करेगी या नहीं, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (भाकपा) ने कहा कि वह तृणमूल का साथ देगी।

भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने यहां कहा, "जो अविश्वास प्रस्ताव गिर जाए, उसे लाने से क्या फायदा। तृणमूल के पास पर्याप्त संख्या नहीं है। उसके नेतृत्व को फैसला लेना है कि इस मुद्दे पर पार्टी किधर जाएगी। सभी दलों को सावधानीपूर्वक रणनीति तय करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "संख्या महत्वपूर्ण है। यदि प्रस्ताव की हार होती है तो सरकार अगले छह महीने के लिए आराम फरमाएगी, तब उस अवधि में आप दूसरा अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकते। हमें अच्छी तरह रणनीति बनाने की जरूरत है।"

ज्ञात हो कि ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की थी कि उनकी पार्टी संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन यानी 22 नवंबर को संप्रग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। उन्होंने इसके लिए सभी दलों से समर्थन की अपील की थी।

उधर, कांग्रेस ने भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस के पास केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है। इसके लिए 'साम्प्रदायिक' दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से समर्थन मांगने के लिए कांग्रेस ने ममता बनर्जी की पार्टी पर प्रहार किया।

कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने यहां पत्रकारों से कहा, "उन्हें (ममता) यह अहसास होना चाहिए कि उनके सिर्फ 19 सांसद हैं, जिनके दम पर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। इसके अलावा, साम्प्रदायिक भाजपा से समर्थन मांगकर वह अपनी पार्टी के किस तरह के सिद्धांतों को प्रदर्शित करना चाहती हैं?"

इस बीच, भाकपा ने कहा कि वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करेगी।

भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता ने यहां रविवार को संवाददाताओं से कहा, "अगर तृणमूल कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव स्वीकृत होने के लिए निर्धारित 50 सांसदों का समर्थन जुटा लेती है तो हम सरकार को नहीं बचा पाएंगे।"

दासगुप्ता ने कहा कि तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के संप्रग सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के फैसले में कुछ भी गलत नहीं है। केंद्र कई सारे अन्याय और लोगों के खिलाफ हुए अपराध के लिए जिम्मेदार है। इसे कठोर सजा मिलनी चाहिए।

वहीं, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि उसने इस मुद्दे पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है।

लोकसभा में पार्टी के नेता बासुदेव आचार्य ने आईएएनएस से कहा, "हमने अभी फैसला नहीं लिया है..पार्टी में इस पर चर्चा नहीं हुई है।"

उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वापस लेने के बाद संप्रग सरकार समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) द्वारा बाहर से मिल रहे समर्थन की बदौलत टिकी हुई है। सभी विपक्षी दल मिलकर यदि ठोस रणनीति बनाकर अविश्वास प्रस्ताव मंजूर करा लेते हैं तो संसद का शीतकालीन सत्र संप्रग के लिए आखिरी सत्र साबित हो सकता है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Confidence Motion, अविश्वास प्रस्ताव, भाजपा, BJP, तृणमूल सांसद, TMC MP