राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू यादव (Lalu Yadav) का इलाज फ़िलहाल फ़ोन पर मिलने वाली सलाह से होगा. यह कदम रांची के RIIMS में उनका इलाज कर रहे डॉक्टर उमेश प्रसाद और उनकी टीम को वार्ड में एक मरीज़ के कोरोना पॉज़िटिव पाये जाने के बाद घर में क्वारंटाइन किए जाने के बाद उठाया गया हैं. डॉक्टर उमेश प्रसाद के क्वारंटाइन पर जांने के बाद कहा हैं कि वे लालू प्रसाद से फ़ोन पर बातचीत कर उनके स्वास्थ्य की 'मॉनिटरिंग' करते रहेंगे. अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऐहतियात के तौर पर अब लालू यादव के कमरे में भी किसी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया हैं. चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए आरजेडी सुप्रीमो लालू का इस समय रांची के अस्पताल में इलाज चल रहा है.
RIIMS में एक कोरोना पॉज़िटिव मरीज पाए जाने के बाद मंगलवार को डॉक्टर प्रसाद समेत 26 अन्य लोगों का सैम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट बुधवार देर शाम या गुरुवार सुबह तक आने की संभावना है. इस बीच झारखंड सरकार का कहना हैं कि लालू यादव को पेरोल पर रिहा किया जाये या नहीं, इसका फ़ैसला उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट के ऊपर छोड दिया हैं. हालाँकि अधिकारिक रूप से इस मामले में राज्य के एडवोकेट जनरल से राय मांगी गई है.
गौरतलब है कि लालू का इलाज कर रहे डॉक्टर प्रसाद के वार्ड में एक मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के मामले में मंगलवार को आरजेडी प्रमुख के बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद ने एक ट्वीट करके अपनी चिंता का इजहार किया था. उन्होंने कहा था- मेरे पिताजी लालू प्रसाद जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों के कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने और उन्हें क्वारंटाइन करने संबंधित ख़बरों के बारे में जानकर चिंता में हूं. तनावपूर्ण और चिंताजनक है. 72 साल के मेरे पिता कई बीमारियों से जूझ रहे हैं. कोरोना से संक्रमित होने की आशंका को ध्यान रखते हुए उनके देखरेख में अत्यधिक ऐहतियात बरती जानी चाहिए. लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने तो इस 'खतरे' के मद्देनजर अपने नेता को परोल पर रिहा करने की मांग कर डाली है.
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