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This Article is From Jan 21, 2017

बंगाल सम्मेलन में राष्ट्रपति ने अरुण जेटली और ममता बनर्जी को दिया एक 'ज़रूरी' संदेश

बंगाल सम्मेलन में राष्ट्रपति ने अरुण जेटली और ममता बनर्जी को दिया एक 'ज़रूरी' संदेश
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी बंगाल व्यापार सम्मेलन में पहुंचे
  • बंगाल व्यापार सम्मेलन में अरुण जेटली भी आमंत्रित थे
  • बीजेपी-टीएमसी के टकराव के चलते केंद्र से कोई मंत्री नहीं पहुंचा
  • राष्ट्रपति ने कहा देश की मजबूती के लिए राज्यों से रिश्ते अच्छे होने जरूरी
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कोलकाता: शुक्रवार को ममता बनर्जी की सरकार द्वारा आयोजित व्यापार सम्मेलन में एक ख़ास मेहमान ने शिरकत की थी. लेकिन यह शख्स कोई निवेशक नहीं था. यह भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी थे जिनके पास पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और निमंत्रण को अस्वीकार करने वाले वित्तमंत्री अरुण जेटली के लिए एक संदेश था.

राष्ट्रपति ने कहा 'जब मेरे पास किसी सम्मेलन का निमंत्रण आता है तो मैं सोचता हूं कि क्या बतौर राष्ट्रपति मेरा वहां जाना ठीक होगा. लेकिन फिर मुझे लगता है कि भारत में सहकारी संघवाद है जो हर राज्य की ताकत है. और जब बात आर्थिक विकास की होती है तो भारत की मज़बूती सहकारी संघवाद में ही बसती है.'

राष्ट्रपति की कही इस बात को समझने में किसी को देर नहीं लगी. कार्यक्रम में आए व्यापारी निराश थे कि वित्तमंत्री अरुण जेटली का निमंत्रण पत्र पर नाम लिखा था लेकिन वह उद्घाटन सत्र में मौजूद नहीं थे. निक्को ग्रुप के चेयरमैन राजीव कौल ने कहा 'एक व्यापारी होने के नाते मैं बहुत निराश हुआ कि जेटली नहीं आए. पिछले साल जब जेटली यहां आए थे तो उन्होंने खुद ही कहा था कि राज्य अगर आर्थिक रूप से ताकतवर होंगे तो भारत भी मज़बूत बनेगा.'

सीआईआई ईस्ट के पूर्व प्रमुख अमरीश दासगुप्ता से जब जेटली के नहीं आने के बारे में बात की गई तो वह बोले 'हमें उनसे मतलब है जो यहां आए हैं और राज्य में निवेश कर रहे हैं. जेटली जी के पास जरूर कुछ जरूरी काम आ गया होगा.' गौरतलब है कि पिछले साल सिर्फ जेटली ही नहीं बल्कि बीजेपी शासित केंद्रीय सरकार के तीन और बड़े मंत्री इस सम्मेलन में शामिल हुए थे. जेटली के साथ सुरेश प्रभू, पियूष गोयल और नितिन गडकरी ने राज्य पर कई योजनाओं की बारिश कर दी थी.

लेकिन पिछले साल यह सम्मेलन विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुए थे जब तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने आ गए थे. ऐसे में पार्टी के इन चार मंत्रियों की इस सम्मेलन में मौजूदगी बंगाल बीजेपी के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गई थी. इस बार भी जब बनर्जी ने जेटली को कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता दिया तो राज्य बीजेपी ने केंद्रीय मंत्रियों से न्यौता न स्वीकार करने की विनती की और इस बार उनकी सुनी भी गई. बता दें कि इस वक्त बंगाल में बीजेपी और तृणमूल नोटबंदी और चिट फंड जैसे मुद्दों पर आमने सामने हैं.

बनर्जी मामले को समझ गईं और उन्होंने बिना किसी संकोच के कहा 'विमुद्रीकरण और पुनर्मुद्रीकरण ने उद्योग और व्यापार को बहुत झटका पहुंचाया है. बंगाल आइए. हम उद्योगों को बहुत राहत दे रहे हैं.' वहीं दूसरी तरफ कार्यक्रम स्थल के बाहर 135 लेफ्ट कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. यह भंगार मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. भीड़ ने करीब 30 मिनट तक ईएम बायपास को रोक कर रखा. मुख्यमंत्री तक जब यह बात पहुंची तो वह काफी नाराज़ लगीं. बता दें कि भंगार में एक नए पावर स्टेशन का पिछले एक साल से विरोध हो रहा है. कोलकाता में हुए व्यापार सम्मेलन से तीन दिन पहले इस मामले को लेकर भंगार में दो लोगों की हत्या कर दी गई थी.

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