नई दिल्ली:
सामाजिक कार्यकर्ता से नेता बने अरविंद केजरीवाल ने 15 दिन से जारी अपना उपवास शनिवार को तोड़ दिया और शीला दीक्षित नीत दिल्ली सरकार को पानी-बिजली मुहैया कराने में अक्षम करार देते हुए यह माना कि आगामी विधानसभा चुनाव में बिजली-पानी का मुद्दा अहम रहेगा।
केजरीवाल ने कहा कि उनका उपवास राष्ट्रीय राजधानी के लिए था, न कि सत्ता के लिए। उन्होंने कहा, "यदि मैं सत्ता का भूखा होता तो उपवास पर नहीं बैठता।"
केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकार के दिन गिनती के बचे हैं।
तालियों के बीच नीरू नाम की बच्ची ने नारियल पानी पिलाकर केजरीवाल का उपवास तुड़वाया।
आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल ने कहा, "इस आंदोलन में जो लोग शरीक हुए, मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं। मेरे उपवास के बाद एक बात साफ हो गई है कि दिल्ली में विधानसभा का चुनाव बिजली और पानी के मुद्दे पर लड़ा जाएगा।"
केजरीवाल ने कहा कि जो सरकार अपने लोगों को बिजली-पानी मुहैया नहीं करा सकती, उसे शासन में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में समाजसेवी अन्ना हजारे का साथ देकर देशभर में चर्चित चेहरा बने केजरीवाल बिजली-पानी की बढ़ी दरों के खिलाफ केजरीवाल 23 मार्च से उपवास पर थे।
केजरीवाल ने कहा कि उनका उपवास राष्ट्रीय राजधानी के लिए था, न कि सत्ता के लिए। उन्होंने कहा, "यदि मैं सत्ता का भूखा होता तो उपवास पर नहीं बैठता।"
केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली सरकार के दिन गिनती के बचे हैं।
तालियों के बीच नीरू नाम की बच्ची ने नारियल पानी पिलाकर केजरीवाल का उपवास तुड़वाया।
आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल ने कहा, "इस आंदोलन में जो लोग शरीक हुए, मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूं। मेरे उपवास के बाद एक बात साफ हो गई है कि दिल्ली में विधानसभा का चुनाव बिजली और पानी के मुद्दे पर लड़ा जाएगा।"
केजरीवाल ने कहा कि जो सरकार अपने लोगों को बिजली-पानी मुहैया नहीं करा सकती, उसे शासन में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में समाजसेवी अन्ना हजारे का साथ देकर देशभर में चर्चित चेहरा बने केजरीवाल बिजली-पानी की बढ़ी दरों के खिलाफ केजरीवाल 23 मार्च से उपवास पर थे।
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