यह ख़बर 23 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कर्नाटक : मंत्रियों के लिए करदाताओं के रुपये से खरीदी गई 30 लग्जरी एसयूवी

खास बातें

  • कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने करदाताओं के पांच करोड़ रुपये लग्जरी कारें अपने 30 मंत्रियों के लिए खरीदी हैं। खास बात है कि पिछली बीजेपी सरकार के समय खरीदी गई कई नई कारें अब तक प्रयोग में नहीं लाई गई हैं।
बेंगलुरु:

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने करदाताओं के पांच करोड़ रुपये लग्जरी कारें अपने 30 मंत्रियों के लिए खरीदी हैं। खास बात है कि पिछली बीजेपी सरकार के समय खरीदी गई कई नई कारें अब तक प्रयोग में नहीं लाई गई हैं।

दो महीने पहले ही कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मंत्री बने लोगों को सरकार की ओर से 14 लाख रुपये से खरीदी गई नई कारें दी गई हैं।

नई कारें खरीदने के पीछे सरकार की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि मंत्री पूर्व में खरीदी गई कारों का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं।

एनडीटीवी ने पाया है कि पूर्ववर्ती सरकार के समय मंत्रियों को आवंटित अधिकतर कारें अभी भी नई कारों की दशा में हैं। ये सभी कारें सरकारी गेस्ट हाउस में खड़ी हैं।

कार्मिक विभाग, जो इन कारों की देखरेख और नई कारों का जिम्मा देखता है, का कहना है कि यह एक पॉलिसी है कि जब भी नई सरकार बनती है तब नई कारें आवंटित की जाती हैं।

इसी से यह बात साफ है कि हर बार सरकार बदलने के साथ ही करीब 30 कारें करदाताओं के रुपयों से खरीद ली जाती हैं। अधिकारियों की मुफीद यह पॉलिसी बेरोकटोक जारी है।

कार्मिक विभाग में अतिरिक्त सचिव बीवी कुलकर्णी का कहना है कि इस बार सभी मंत्रियों के लिए वही कारें खरीदी गई हैं जबकि मात्र मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए टोयोटा की एसयूवी फॉर्च्यूनर 22 लाख रुपये में खरीदी गई है।

नियम के अनुसार कोई भी मंत्री नई कार की मांग तब कर सकता है जब कार एक लाख किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुकी हो या फिर कार के तीन साल पूरे हो चुके हों।

पिछली सरकार में तीन मुख्यमंत्री थे, इस दौरान दो कार ज्यादा खरीदनी पड़ी थी। पिछली बीजेपी सरकार ने अपने मंत्रियों के लिए सीडान कार की व्यवस्था की थी, और तो और कुछ मंत्रियों को उनकी मर्जी की सीडान उपलब्ध कराई गई थी।

एनडीटीवी ने पाया कि स्थानीय कुमार कृपा गेस्ट हाउस में आठ टोयोटा इनोवा, नौ टोयोटा कोरोला एल्टिस, एक रेनॉ फ्लूएंस और एक शेवर्ले फॉरेस्टर खड़ी हैं। इनके वीआईपी नंबर और लाल बत्ती कार के भीतर पड़ी हुई हैं।

पिछले कुछ वर्षों में मंत्रियों के लिए कार खरीदने का बजट 10 लाख से 16 लाख रुपये कर दिया गया है। यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को इस वर्ष के आरंभ में 22 लाख की फॉर्च्यूनर दी गई है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

आखिर करदाताओं के रुपयों की ऐसी फिजूलखर्ची क्यों होती है इस बात का जवाब किसी के पास नहीं है।