रोजा हर मुसलमान को फर्ज है. हर मुसलमान के लिए रोजा रखना किसी सबब से कम नहीं. रोजे के दौरान मन और कर्म से अच्छे बने रहना होता है. रमजान का पाक महीना हर मुस्लिम के लिए अहम होता है. लेकिन कई बार रोजा करना मुश्किल भी हो सकता है. इस राह में आड़े आ जाती है सेहत. रोजा रखने से स्वास्थ्य संबंदी समस्या हो सकती हैं. किस तरह की समस्या को कैसे खत्म किया जा सकता है या कैसे निपटा जा सकता है यहां हम आपको बता रहे हैं-
-मधुमेह से पीड़ित लोगों के शरीर में रोजे के दौरान ग्लूकोज का स्तर कम या ज्यादा होने का जोखिम रहता है. असमय भोजन और दवाओं के अनुचित सेवन से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम हो सकता है और इससे हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है, जिससे कमजोरी और कमजोरी, चक्कर या मूर्छा आना जैसी समस्या हो सकती है.
-उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को समय पर दवाईयां लेनी पड़ती है, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर गंभीर प्रभाव देखने को मिल सकते हैं. रमजान के दौरान सख्त नियम रोजे की अवधि में दवा या पानी के सेवन की अनुमति नहीं देते. उच्च रक्तचाप वाले लोगों के लिए इस तरह के बदलाव नुकसानदायक साबित हो सकते हैं.
-थायराइड से पीड़ित जो लोग नियमित रूप से दवाई लेते हैं, उनके लिए अनुचित या असमय दवाईयां लेने से शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, इसलिए दवाईयां लेना नहीं छोड़ें.
-गर्म मौसम में देर तक भूखा-प्यासा रहने से स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्या जैसे डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे कमजोरी, सिरदर्द हो सकता है.