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नवरात्रि का संस्कृत में मतलब होता है नौ रातें. पूरे भारत में लोग नवरात्रि के इन नौ दिनों के अवसर को बेहद ही उत्साह के साथ मनाते हैं. नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के भक्त पूरे रीति-रिवाज के साथ उपवास करते हैं. यह हिन्दू पर्व देवी दुर्गा के 9 अवतारों को समर्पित हैं. हिन्दू इन दिनों दुर्गा और शक्ति के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं. नवदुर्गा के विभिन्न रूपों को प्रसन्न करने के लिए खास तरह से पूजा की जाती है. हिन्दुओं के लिए नवरात्रि का बहुत महत्व हैं ऐसा माना जाता है कि इस दौरान देवी दुर्गा अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए स्वर्ग से आती हैं. यहां देवी दुर्गा के नौ अवतारों की पूजा की जाती है, नवरात्रि के हर दिन एक अलग भोग या प्रसाद बनाया जाता है ताकि मां दूर्गा का आर्शीवाद उन्हें मिल सके.
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शैलपुत्री
नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है, हाथों में त्रिशूल और कमल धारण करती है और नंदी बैल इनकी सवारी है. शैलपुत्री को देवी पार्वती और हेमवती के नाम भी जाना जाता है. देवी शैलपुत्री की पूजा के दौरान भक्त उनके पैर पर शुद्ध देसी घी अर्पित करते हैं. ऐसा माना जाता है शुद्ध देसी घी चढ़ाने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों और बीमारी से मुक्ति मिलती है.
Navratri Bhog And Prasad: नवरात्रि के पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है.
ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. हिन्दू धर्म ग्रंथों में इन्हें मठ की देवी के रूप में दर्शाया गया है, सफेद साड़ी पहने हुए एक हाथ में रूद्राक्ष माला और एक में पवित्र कमंडल धारण करें देवी का यह रूप अत्यन्त धार्मिकता और भक्ति का है. देवी ब्रह्मचारिणी को सरल भोजन और प्रसाद काफी प्रिय है इसलिए भक्त देवी ब्रह्मचारिणी को चीनी और फलों का भोग लगाते हैं.
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Navratri Bhog And Prasad: देवी ब्रह्मचारिणी को चीनी और फलों का भोग लगाते हैं.
चंद्रघंटा
देवी का तीसरा रूप चंद्रघंटा का है, मां का यह स्वरूप बेहद ही आलौकिक हैं. इस देवी के दस हाथ है जो खड्ग और अन्य अस्त्र-शस्त्र से विभूषित हैं. शेर इनकी सवारी हैं और इनका रंग सोने के समान सुनहरा है. इस देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्र है जिसकी वजह से इस देवी को चंद्रघंटा कहा जाता है. देवी के इस स्वरूप को दूध, मिठाई और खीर का भोग लगाया जाता है.
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Ashtami 2019 April: देवी के इस स्वरूप को दूध, मिठाई और खीर का भोग लगाया जाता है.
कुष्मांडा
चौथे दिन मां कुष्मांडा की अराधना की जाती है. कुष्मांडा नाम 3 शब्द कु (थोड़ा) उष्मा (गर्मी या ऊर्जा) और 'अंंडा' (अंडे) से बना है जिसका अर्थ है अपनी ऊर्जा और गर्मी से अलौकिक ब्रह्मांड की रचना करने वाला. इस देवी को प्रसन्न करने के लिए भक्त मालपुए का भोग लगाते हैं.
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Ashtami 2019 April: इस देवी को प्रसन्न करने के लिए भक्त मालपुए का भोग लगाते हैं.
स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा होती है, इस दिन को पंचमी भी कहा जाता है. स्कंदमाता के चार हाथ हैं जिसमें से दो हाथों में उन्होंने कमल धारण किया हुआ है, एक में कमंडल और अन्य हाथ में घंटी है. शेर इनकी सवारी है, वह अपनी गोद में छोटे कार्तिकेय को लिए हुए हैं. कार्तिकेय को स्कंद भी कहा जाता है, इसलिए देवी को स्कंदमाता के नाम से पुकारा जाता है. इन्हें केले का भोग लगाया जाता है, ताकि भक्तों को अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिल सके.
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Ram Navmi 2019 Puja Vidhi: इन्हें केले का भोग लगाया जाता है, ताकि भक्तों को अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिल सके.
कात्यानी
नवरात्रि के छठे दिन यानि षष्ठी वाले दिन देवी कात्यानी का पूजन होता है, देवी कात्यानी को हाथ में चार हथियार लिए दर्शया गया है. इनकी भी सवारी शेर ही है और यह सच्ची भक्ति और धर्मनिष्ठा से प्रसन्न होती हैं. भक्त देवी कात्यानी को प्रसाद के रूप में शहद चढ़ाते हैं. कहा जाता है देवी कात्यानी के आशीर्वाद से आपकी सभी समस्याएं समाप्त हो जाती है और जीवन में मधुरता आती है.
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Ram Navmi 2019 Puja Vidhi: भक्त देवी कात्यानी को प्रसाद के रूप में शहद चढ़ाते हैं.
कालरात्रि
सातवें दिन देवी कालरात्रि का पूजन किया जाता है. हिन्दू ग्रंथों के अनुसार, देवी कालरात्रि के चार हाथ हैं जो गधे की सवारी सवारी करती हैं. इनके हाथ में आप त्रिशूल और तलवार देख सकते हैं यह देवी दुर्गा का सबसे भयंकर अवतार है. इतना ही नहीं इनके माथे पर तीसरी आंख है, जिसमें पूरा ब्रह्मांड शामिल हैं. कालरात्रि अपने सच्चे भक्तों बुरी शक्तियों और आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करती हैं. इन दिन भक्त इन्हें गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाते हैं और इसके अलावा प्रसाद को दक्षिणा के साथ ब्राह्मणों को भी दिया जाता है.
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Navratri Bhog And Prasad: भक्त इन्हें गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाते हैं
महागौरी
दुर्गा अष्टमी या नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा का विधान है, बैल इनकी सवारी है. महागौरी के हाथ में त्रिशूल और डमरू देख सकते हैं. महागौरी को नारियल का भोग लगाया जाता है, इससे सुख-समृद्धि की प्राप्त होती है.
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Navratri Bhog And Prasad: महागौरी को नारियल का भोग लगाया जाता है, इससे सुख-समृद्धि की प्राप्त होती है.
सिद्धिदात्री
नवरात्रि के आखिरी दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा होती है. यह कमल में विराजमान हैं इनके एक हाथ में कमल, दूसरे हाथ में गदा, तीसरे हाथ में चक्र और चौथे हाथ में किताब देखी जा सकती है. शक्ति का यह स्वरूप अज्ञानता पर ज्ञान को स्थापित करने का प्रतीक है. देवी के इस रूप को सिद्धि पूर्णता का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि के नौवें दिन, देवी को तिल का भोग लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि देवी को तिल का भोग लगाने से परिवार को सुख-शांति मिलती है और दुर्घटनाओं से बचाती हैं.
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Navratri Bhog And Prasad: नवरात्रि के आखिरी दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा होती है.
Happy Navratri and Ram Navami!
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