
शेयर बाजार में बजट के बाद से ही गिरावट हो रही है. लेकिन जानकारों का मानना है कि इसके पीछे बजट के ही प्रावधानों नहीं है. बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार के हालात भी हैं. फिलहाल एशियाई और अमेरिकी बाजारों में गिरावट का दौर जारी है.
वर्तमान शेयर बाजार की स्थिति पर 10 बातें
भारतीय शेयर बाजारों में अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजारों में गिरावट का असर देखा जा रहा है. फिलहाल दुनियाभर के बाजारों में गिरावट का दौर जारी है. बताया जा रहा है कि विदेशों में ब्याज दरों में गिरावट की वजह से भी विदेशी शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई है. इसका असर भारत पर पड़ा है. एशिया और
इस बजट में वित्तमंत्री ने दीर्घकालिक कैपिटल गेन पर टैक्स का जो नया नियम बताया है उससे बाजार काफी प्रभावित हुआ है. वर्तमान में कैपिटल गेन (एलसीजीटी) पर कोई टैक्स नहीं है अगर शेयरधारक एक साल तक शेयर बनाए रखता है.
जानकारों का कहना है कि यह गिरावट का दौर कुछ महीनों तक चल सकता है. इसलिए बेहत जरूरी हो जाता है कि लंबे समय तक के निवेशक ही बाजार में निवेश करें. जल्द पैसा कमाने की चाहत रखने वाले, या फिर छोटे निवेशक सावधानी बरतें.
आम बजट 2018 में एलसीजीटी से यह भी चिंता व्याप्त हो गई है कि क्या इससे अब विदेशी निवेशक भारतीय इक्विटी में पैसा लगाएंगे या नहीं. यानी यह माना जा रहा है कि इससे शेयर बाजार पर विपरीत असर पड़ना तय है
कुछ लोगों का मानना है कि सरकार के इस नियम से विदेशी निवेशक छिटकेंगे और देश की आर्थिक व्यवस्था को इससे नुकसान उठाना पड़ सकता है. पहले कई जानकार यह मामला उठाया करते थे कि विदेशी निवेश के नाम पर सबसे ज्यादा पैसा शेयर बाजार में निवेश होता है और सीधे भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश नहीं होता.
इसके अलावा 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को सकल घरेलू उत्पाद के 3.2 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत करने के अनुमान से भी बाजार धारणा पर असर हुआ. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.3 प्रतिशत तय किया गया है, जबकि राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन कानून में इसके लिए तीन प्रतिशत का लक्ष्य रखा गया है.
उल्लेखनीय है कि 2014 की शुरुआत से शेयर बाजारों में 94 बिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हुआ है. नए नियम के हिसाब से अब विदेशी संस्थागत निवेशकों को आय पर टैक्स देना होगा.
कई जानकारों की राय में जहां शेयर बाजार में निवेश से नुकसान के आसार हैं वहीं बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में जो निवेश की घोषणा की गई है उससे बाजार को और अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा.
कुछ जानकारों का मानना है कि बेहतर टैक्स कलेक्शन, ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश, जीडीपी, नौकरी में बेहतर अवसर के कारण शेयर बाजार के साथ साथ पूरी अर्थव्यवस्था में कुछ दिनों में बेहतर परिणाम मिलेंगे.
बता दें कि आरबीआई की विभिन्न ब्याज दरों को रिव्यू करने का समय आ गया है. इसका भी बाजार पर काफी असर होगा. अगले हफ्ते आरबीआई यह काम करेगा और घोषणा करेगा.