
Shivling sthapna Vidhi : सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है. ऐसे में भोलेनाथ के भक्त देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना की तैयारी में लग गए हैं. अपने प्रिय भगवान के स्वागत के लिए घर और मंदिर की साफ-सफाई और साज-सजावट कर रहे हैं. वहीं, कुछ भक्त सावन के महीने में शिवलिंग की स्थापना करने की भी सोच कर रहे हैं. ऐसे में हम इस आर्टिकल में शिवलिंग की स्थापना करने का सही नियम क्या है किस मुहूर्त और दिशा में करना चाहिए, इसके बारे में जानेंगे ज्योतिषाचार्य डॉ. अलकनंदा शर्मा से...
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कैसे करें शिवलिंग की स्थापना - How to establish Shivling
किस तिथि पर करें शिवलिंग की स्थापना - On which date should the Shivling be established?सावन में शिवलिंग की स्थापना विशेष फलदायी मानी जाती है, क्योंकि यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. सावन के सोमवार और प्रदोष तिथि बहुत उत्तम मानी जाती है.
किस मुहूर्त में करें शिवलिंग स्थापना - In which auspicious time should you install Shivling- सुबह ब्रह्ममुहूर्त (4:00 से 6:00 बजे) में स्थापना करना श्रेष्ठ होता है.
- पूजा स्थान पूर्व या उत्तर दिशा में हो.
- शिवलिंग को धरती के सीधे संपर्क में न रखें.
- लकड़ी/तांबे/पत्थर की चौकी पर ही रखें.
- शिवलिंग का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें
- जलधारी (छेद वाली दिशा) दक्षिण या पश्चिम की ओर रहे, ताकि जल वहीं गिरे.
- पहले जल, फिर पंचामृत, फिर जल से स्नान कराएं.
- इसके बाद काले तिल, भस्म, चंदन लगाएं, फिर बेलपत्र (3 पत्तियों वाला, उल्टा न हो) और फूल अर्पित करें
- इसके बाद धूप और दीप जलाकर आरती करें.
- वहीं, ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जप करें.
- आप महामृत्युंजय मंत्र भी जप सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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