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This Article is From Dec 15, 2019

सबरीमाला में श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ी, राजस्व पहुंचा 100 करोड़ रुपये

बीते वर्ष इसी समय सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में मंदिर को सभी उम्र समूह की महिलाओं के लिए खोल दिया था.

सबरीमाला में श्रद्धालुओं की तादाद बढ़ी, राजस्व पहुंचा 100 करोड़ रुपये
राजस्व की प्राप्ति प्रसाद के रूप में 'अप्पम' या 'अरावन(पायसम)' की बिक्री और इसे चढ़ाने से हुई है.
सबरीमाला:

प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple) में जहां सबकुछ शांत है और श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है, इस त्योहारी सत्र में मंदिर के खुलने के 27वें दिन इसके राजस्व ने 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया है. पिछले वर्ष यह आंकड़ा 60 करोड़ रुपये था. मंदिर के अधिकारियों ने यह जानकारी दी. सबरीमाला मंदिर में दो महीने लंबा श्रद्धालुओं के सत्र की शुरुआत 17 नवंबर को हुई थी.

यह भी पढ़ें: सबरीमाला विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का केरल सरकार को आदेश जारी करने से इंकार

राजस्व की प्राप्ति प्रसाद के रूप में 'अप्पम' या 'अरावन(पायसम)' की बिक्री और इसे चढ़ाने से हुई है, जिसे श्रद्धालुओं ने नकद या सिक्के के जरिए खरीदा है.

बीते वर्ष इसी समय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने आदेश में मंदिर को सभी उम्र समूह की महिलाओं के लिए खोल दिया था. इस आदेश के बाद दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारी मंदिर की परंपरा और रिवाजों का हवाला देकर प्रतिबंधित आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने देने को लेकर अड़ गए थे, वहीं केरल पुलिस ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई थी, जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था.

मंदिर परंपराओं के अनुसार, 10 से 50 वर्ष की आयु समूह की महिलाओं को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं है.

इस बार हालांकि पिनराई विजयन नीत लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट(एलडीएफ) सरकार ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि इस सत्र में वे प्रतिबंधित आयु समूह की किसी महिला के मंदिर में प्रवेश को लेकर कोई प्रयास नहीं करेंगे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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