Aja Ekadashi 2021: अजा एकादशी का हिंदू धर्म में अपना विशेष महत्व है. यही वजह है एकादशी पर विशेष तौर पर भक्त पूजा अर्चना पूरी मान्यता के अनुसार करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूरे विधि- विधान और श्रद्धा भाव के साथ पूजा अर्चना की जाती है. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है. भादों में कृष्ण पक्ष की एकादशी पर व्रत रखने का विशेष महत्व माना गया है. इस एकादशी को लोग अजा एकादशी के नाम से जानते हैं. वैसे तो प्रत्येक एकादशी विशिष्ट लाभों को देने वाली मानी जाती है, लेकिन फिर भी हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है. मान्यताओं के अनुसार, अजा एकादशी व्रत सभी तरह के पापों को नष्ट करने वाला और विशेष पुण्य फल देने वाला होता है, इस व्रत को करने वाले व्यक्ति सभी सुखों को भोगकर अंत में विष्णु लोक को प्राप्त करता है.
अजा एकादशी का शुभ मुहूर्त-
अजा एकादशी इस बार 3 सिंतबर 2021 को सुबह 6:21 बजे शुरू हो जाएगी, जो 3 सितंबर की सुबह 7: 44 मिनट तक होगी. ऐसे में इस बार एकादशी का व्रत 3 सिंतबर 2021 को रखा जाएगा. वहीं व्रत खोलने का समय 4 सिंतबर की सुबह साढे पांच बजे से सुबह 8: 23 बजे तक का है.
एकादशी व्रत पूजा- विधि
मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी की पूजा करना अति फलदायी और शुभ होता है, इसलिए इस दिन दोनों की पूजा एक साथ करनी चाहिए. एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. घर के मंदिर में पूजा पाठ और दीप प्रज्वलित करें. इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा का गंगा जल से अभिषेक करें. उन्हें सुंदर पीले वस्त्र पहनाएं और चंदन लगाएं. इसके बाद पुष्प और तुलसी अर्पित करें फिर इसके बाद गा कर भगवान विष्णु जी की आरती करें.
आरती के बाद विष्णु जी को सात्विक भोग लगाएं. भोग में तुलसी का पत्ता जरूर रखें, क्योंकि बिना तुलसी के भगवान विष्णु का भोग अधूरा होता है. पूजा-पाठ के बाद पूरे दिन भगवान विष्णु का ध्यान और जप करें.
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