आज से खरमास शुरू, जानिए क्या है इससे जुड़ी लौकिक मान्यताएं और वर्जनाएं

आज से खरमास शुरू, जानिए क्या है इससे जुड़ी लौकिक मान्यताएं और वर्जनाएं

वैदिक ज्योतिष और हिन्दू पंचांग गणना के अनुसार सूर्य एक राशि में एक महीने तक रहता है. जब सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करते हुए बृहस्पति की राशियो, धनु और मीन, में प्रवेश करता है, तो अगले 30 दिनों यानि एक महीने की अवधि को खरमास कहा जाता हैं.
 
खरमास में अनुष्ठान-यज्ञ माना गया है अच्छा
लौकिक मान्यता है कि खरमास के दौरान कई शुभ काम नहीं किये जाते हैं, जैसे विवाह आदि जैसे कार्य नही होते हैं. लोग सिर्फ ईश्वर-भजन, पूजा-पाठ आदि कर सकते हैं. मान्यता है कि इस अवधि में अनुष्ठान, यज्ञ, पूजा-पाठ, हवन आदि करना अच्छा माना गया है.
 
14 जनवरी, 2017 को समाप्त होगा खरमास
साल 2016 का अंतिम खरमास 15 दिसम्बर, 2016 (गुरुवार) को सूर्योदय पूर्व 06:05 बजे से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ शुरू होगा, जो 14 जनवरी, 2017 को दिन में 1 बजकर 51 मिनट पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ समाप्त होगा. उल्लेखनीय है इस दिन से सूर्य उत्तरायण होना शुरू हो जाते हैं.
 
खरमास में लोग नहीं करते हैं ये काम
लौकिक मान्यता है कि खरमास में विवाह आदि शुभ कार्य वर्जित है. भवन-निर्माण संबंधित कार्य भी नहीं किये जाते हैं. कोई नया निवेश या व्यवसाय आदि भी नहीं शुरू की जाती है. इस अवधि में बच्चे का मुंडन संस्कार भी नहीं होता है, साथ ही लोग नए घर में गृह-प्रवेश भी नहीं करते हैं.


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