पाकिस्तान की ओर से संघर्षविराम के उल्लंघन के मुद्दे पर आलोचनाओं का सामना कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत ने आक्रामकता का साहस से जवाब दिया और इस मुद्दे पर राजनीतिक फायदा उठाने के लिए सार्वजनिक चर्चा किए जाने की प्रवृत्ति की निंदा की।
राकांपा प्रमुख और पूर्व रक्षामंत्री शरद पवार के गढ़ बारामती में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'आज जब सीमा पर गोलियां चल रही हैं तब दुश्मन कराह रहा है। हमारे जवानों ने आक्रामकता का साहस के साथ जवाब दिया है।' उन्होंने कहा, 'दुश्मन समझ गया है कि समय बदल गया है और पुरानी आदतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।'
इस मुद्दे पर सार्वजनिक चर्चा के जरिये सरकार पर निशाना साधने की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे सीमा पर लड़ने वाले जवान हतोत्साहित होते हैं।' उन्होंने कहा, 'ऐसे मुद्दे राजनीतिक बहस का हिस्सा नहीं होने चाहिए। चुनाव आएंगे और जाएंगे। सरकारें आएंगी और चली जाएंगी, लेकिन कृपया राजनीतिक फायदे के लिए इस विषय पर बहस करके सीमा पर लड़ने वालों का मनोबल नहीं गिराएं।'
मोदी ने कहा, 'लोग मेरे इरादे को जानते हैं और मुझे इन्हें शब्दों में बयां करने की जरूरत नहीं है। जहां जवानों को बोलना है, वे बंदूक का ट्रिगर दबा कर बोल रहे हैं, और वे इसी अंदाज में बोलना जारी रखेंगे।'
पवार पर निशान साधते हुए उन्होंने कहा, 'जब आप रक्षामंत्री थे तब पाकिस्तान और चीन से लगी सीमा पर समस्याएं थीं। तब क्या आपने सीमा पर जाने की जहमत उठाई थी।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'आपके कार्यकाल में महाराष्ट्र में आतंकी हमले हुए थे, मुम्बई, मालेगांव, पुणे में। आप आतंकवादियों तक पहुंच भी नहीं पाए थे, पकड़ना तो दूर की बात है। देशभक्ति की भावना के चलते हमने इस मुद्दे पर राजनीति नहीं की।'
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