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This Article is From Feb 07, 2015

साथ-साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों की वोट के मामले में पसंद अलग

साथ-साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों की वोट के मामले में पसंद अलग
नई दिल्ली:

दिल्ली में चुनाव को लेकर दिनभर गहमा गहमी रही। सुबह से ही लोग पूरे परिवार के साथ वोट देने के लिए बूथ पर दिखाई दिए, लेकिन कई परिवार ऐसे भी थे, जिन्होंने अलग-अलग पार्टी को वोट दिए। घर में भले ही विभिन्न मुद्दों पर सारे सदस्यों की राय एक हो जाए, लेकिन सरकार के लिए कौन सी पार्टी को चुना जाए, इस पर पति-पत्नी की राय भी अलग दिखी।

गोल मार्केट में रहने वाले हर्ष ने बताया कि शादी के 19 साल बीतने के बावजूद वोट देने के मामले में उनकी और पत्नी अंजू की राय अलग है। लिहाजा दोनों ने अलग-अलग पार्टी को वोट दिया है।

दिल्ली चुनाव जीतने के लिए हर पार्टी ने जोर लगाया। दिल्ली की तमाम समस्याओं को दूर करने के दावे भी किए। अब बारी लोगों की है, लिहाजा मां ने बेटी को भी नहीं बताया कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया है। काली बाड़ी में वोट देने आई राखी ने बताया कि कई बार पूछने के बाद भी उनकी मां बता नहीं रही हैं कि उन्होने किसको वोट दिया है।

इन्हीं सब के बीच ऐसे भी लोग हैं जो सालों से वोट देते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि गरीबों की फिक्र किसी सरकार को हीं होती। दरभंगा हाउस में रहने वाले 75 साल के हीरालाल उनमें से ही एक हैं। लाचार होने के चलते चुनाव आयोग ने उन्हें व्हीलचेयर से सहारा दिया, लेकिन किसी भी पार्टी से उन्हें उम्मीद कम ही है। वह कहते हैं कि गरीबों की सुनने वाली सरकार पता नहीं कब मिलेगी। जाहिर है इस बार का चुनाव कई मायनों में खास है तो नतीजा भी खास ही होगें।

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