बिहार उपचुनावों में राजद-जदयू-कांग्रेस के गठबंधन से हार का सामना करने के बाद भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा के आगामी चुनाव के लिए 'महायुति' को कमर कसने की जरूरत है और साथ ही उसे 'मोदी लहर' की ओर निहारना बंद करना होगा।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय में कहा, 'हमें यह स्वीकार करना होगा कि राजद-जदयू-कांग्रेस के गठबंधन ने छह सीटें जीती हैं और भाजपा महज चार ही सीटें जीत पाई है। लोगों ने दिखा दिया है कि लोकसभा एवं राज्य विधानसभा चुनावों में अंतर है। इस अंतर को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।'
इसमें कहा गया, 'उपचुनावों के नतीजों को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा-शिवसेना के नेतृत्व वाले 'महायुति' को अपनी कमर कसनी होगी और महाराष्ट्र में आगामी चुनावों के लिए काम करना होगा।'
पूरी तरह मोदी-लहर पर निर्भर रहने के खिलाफ चेतावनी देते हुए शिवसेना ने कहा कि राज्य के चुनाव सिर्फ बातों से नहीं जीते जा सकते।
शिवसेना ने कहा, 'लोग महाराष्ट्र की सत्ता में बदलाव चाहते हैं। लेकिन हम सिर्फ जीतने की बातें करके जीत नहीं सकते। (नरेंद्र) मोदी को देश का नेतृत्व करने के लिए मजबूत जनादेश दिया गया है, लेकिन राज्य चुनावों के दौरान अलग चीजें काम करती हैं।'
संपादकीय में कहा गया कि भाजपा को उपचुनावों के नतीजों से 'सीख लेनी' चाहिए और 'आत्मनिरीक्षण' करना चाहिए कि गलती कहां हुई? लोकसभा चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन के तीन माह बाद, भाजपा को कल विधानसभा उप-चुनावों के नतीजों से झटका लगा। उसे बिहार में राजद-जदयू-कांग्रेस गठबंधन के हाथों 4-6 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा कर्नाटक और मध्यप्रदेश में भी वह अपने दो मजबूत गढ़ कांग्रेस के हाथों गंवा बैठी।
पंजाब में सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के हिस्से एक-एक सीट आई।
21 अगस्त को चार राज्यों में 18 सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इन चुनावों में कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने 10 सीटें जीतीं जबकि 7 सीटें भाजपा और एक सीट उसके सहयोगी शिअद को गई।
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