आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी रहे रामकृपाल लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हो गए। नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि आरजेडी के एक 'कद्दावर नेता' का बीजेपी में आना पार्टी के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
रामकृपाल ने आरोप लगाया कि आरजेडी में सामाजिक न्याय की बजाय 'पारिवारिक न्याय' को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे इस पार्टी के कार्यकर्ताओं को घुटन महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों की सामाजिक न्याय की अवधारणा और उनकी सादगी को छोड़ कर अपने परिवार को बढ़ाने की अवधारणा अपना ली है।
नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए रामकृपाल ने कहा, एक ऐसा व्यक्ति जो पिछड़े वर्ग का है और जिसके पिता चाय बेचते थे तथा जिसकी मां दूसरे के घरों में कपड़े धोती थीं, उसे बीजेपी ने पहले मुख्यमंत्री बनाया और अब प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी के आधार को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मोदी स्पष्ट कर चुके हैं कि वे सभी धर्मों और वर्गों का विकास चाहते हैं। साथ ही रामकृपाल ने कहा, मेरा जेहन बिल्कुल सेक्युलर है और जीवन भर रहेगा।
रामकृपाल 17 सालों से आरजेडी के साथ थे। वह पटना के डिप्टी मेयर रहे और बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। तीन बार लोकसभा सदस्य रह चुके रामकृपाल अभी राज्यसभा सदस्य हैं। वह पाटलिपुत्र से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन लालू ने उनकी बजाय अपनी बेटी मीसा भारती को वहां से उम्मीदवार बना दिया, जिससे वह नाराज हो गए।
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