बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को क्षेत्र वाराणसी में मुस्लिम बहुल बेनियाबाग में चुनावी रैली और गंगा आरती की अनुमति नहीं दिए जाने को सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) और भाजपा की मिली-भगत का नतीजा बताते हुए आज इसे चुनावी लाभ लेने का षड्यंत्र करार दिया।
वाराणसी के मुस्लिम बहुल बेनियाबाग इलाके में मोदी की रैली और गंगा आरती के आयोजन की सुरक्षा कारणों से अनुमति न मिलने के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं के धरना-प्रदर्शन के बीच मायावती ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सपा सरकार ने मोदी के कार्यक्रमों को अनुमति नहीं देकर अपने तथा भाजपा के पक्ष में फिजा बनाने की कोशिश की है।
उन्होंने कहा कि इन सपा और भाजपा ने यहां बार-बार साम्प्रदायिक और जातिवादी कार्ड खेलने के बावजूद अपनी लगातार खराब होती स्थिति के मद्देनजर मिलीभगत के तहत जानबूझकर वाराणसी में एक नया षड्यंत्र और नाटकबाजी शुरू कर दी है ताकि यहां माहौल को गरमा कर इसे सांप्रदायिक रंग देकर उसका चुनावी लाभ खासकर पड़ोसी सीटों, वाराणसी और आजमगढ़ में उठाया जा सके। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ से चुनाव लड़ रहे हैं।
मायावती ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह अपनी स्वतंत्र भूमिका का सख्ती से निर्वाह करे और सपा तथा भाजपा नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के तमाम मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई करे। खासकर अमित शाह, रामदेव यादव और नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतों पर सख्त कार्रवाई हो। सख्त कार्रवाई नहीं होने से आयोग की भूमिका को लेकर जनता में गलत संदेश जा रहा है।
गौरतलब है कि वाराणसी जिला प्रशासन ने मुस्लिम बहुल बेनियाबाग इलाके में मोदी की रैली तथा गंगा आरती के कार्यक्रम को सुरक्षा कारणों से अनुमति नहीं दी थी। भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने आज इसके खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया।
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