देश के नए 29वें राज्य में तेलंगाना राष्ट्र समिति की सरकार बनी है और पार्टी प्रमुख कवलाकुंतला चंद्रशेखर राव ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली है।
राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने राजभवन में राव के बेटे के टी रामा राव और भतीजे टी हरीश राव सहित 11 अन्य को कैबिनेट मंत्री के तौर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
अन्य 9 कैबिनेट मंत्री मोहम्मद महमूद अली, टी राजैया, नयनी नरसिंह रेड्डी, इतेला राजेंद्र, पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी, टी पद्म राव, पी महेन्द्र रेड्डी, जोगू रामन्ना और जी जगदीश रेड्डी हैं।
कैबिनेट में किसी महिला की भागीदारी नहीं है। टीआरएस सूत्रों ने बताया कि इस महीने के अंत तक इसका विस्तार किये जाने की उम्मीद है।
शपथ ग्रहण समारोह विवादों से अछूता नहीं रहा क्योंकि शेष आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नामित एन चंद्रबाबू नायडू इसमें मौजूद नहीं थे। इसे दोनों ‘क्षेत्रीय क्षत्रपों’ के बीच मनमुटाव का पहला संकेत माना जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि तेलगू देशम पार्टी अध्यक्ष नाराज हैं क्योंकि न न तो उन्हें निजी आमंत्रण दिया गया और न ही टेलिफोन कॉल किया गया।
यह भी छिपा हुआ नहीं है कि राव और नायडू के बीच कोई मधुर संबंध नहीं है। चुनावी मुकाबले में निजी हमले तक हुए थे।
नायडू 8 जून को शेष आंध्रप्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।
इससे पहले, तेलंगाना से राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया लेकिन नायडू के मुख्यमंत्री पद संभालने तक शेष आंध्रप्रदेश में यह जारी रहेगा। नरसिम्हन ने तेलंगाना के राज्यपाल के तौर पर शपथ ली। आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कल्याण ज्योति सेनगुप्ता ने नरसिम्हन को शपथ दिलायी। नरसिम्हन तेलंगाना और शेष आंध्रप्रदेश के राज्यपाल होंगे।
रविवार को आधी रात से तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग होकर एक नया राज्य बन गया और अब आज से ये अलग राज्य के रूप में काम करना शुरू कर देगा। रविवार रात 12 बजते ही तेलंगाना का जश्न शुरू हो गया था। हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर निकल पड़े और देर रात तक जश्न मनाते रहे।
संसद ने आंध्र प्रदेश को तोड़कर नया राज्य बनाने की मंजूरी 20 फरवरी को दे दी थी, जिसके बाद राष्ट्रपति ने भी आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पर मुहर लगाकर तेलंगाना के गठन का रास्ता साफ कर दिया था।
तेलंगाना को अलग राज्य बनने के लिए कई दशकों तक संघर्ष करना पड़ा। इसे अलग राज्य बनाने की मुहिम 1969 में शुरू हुई थी। इस दौरान हुए आंदोलन में पुलिस की फायरिंग से 300 आंदोलनकारी भी मारे गए थे। अब इस आंदोलन की शुरुआत के 41 साल बाद जाकर तेलंगाना अलग राज्य बन सका है।
तेलंगाना राज्य को फिलहाल 44 आईएएस अधिकारी आवंटित किए गए हैं। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने अपने आदेश में इस बात की जानकारी दी है। आदेश में कहा गया है कि अभी जितने अधिकारी तेलंगाना को आवंटित किए गए हैं, वह आखिरी फैसला नहीं है। केंद्र सरकार के द्वारा स्थापित एक कमेटी ने तेलंगाना राज्य के लिए 163 आईएएस अधिकारियों, 112 आईपीएस अधिकारियों और विदेश सेवा के 65 अधिकारी आवंटित करने की सिफारिश की है, लेकिन इन सिफारिशों पर आखिरी फैसला लिया जाना बाकी है।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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