
बीजेपी ने बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ पार्टी नेता जसवंत सिंह को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। उन्होंने शनिवार को नाम वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पार्टी ने कार्रवाई की।
पार्टी की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने 76 वर्षीय सिंह को छह साल के लिए निष्कासित करने का फैसला किया।
जसवंत सिंह के साथ ही बीजेपी ने एक अन्य नेता सुभाष महेरिया को भी पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया। उन्होंने भी राजस्थान की सीकर सीट से पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है।
बीजेपी का टिकट नहीं मिलने से नाराज जसवंत सिंह बाड़मेर से पार्टी उम्मीदवार सोनाराम चौधरी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। सोनाराम कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। भाजपा ने बयान में कहा कि पूर्व विदेश मंत्री और पूर्व वित्त मंत्री सिंह के खिलाफ तथा महरिया के विरुद्ध कार्रवाई की गई है, क्योंकि भाजपा का विधान पार्टी नेताओं को अपने अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देता।
जसवंत सिंह को पांच साल में दूसरी बार इस तरह भाजपा से निष्कासित किया गया है। साल 2009 में भी उन्हें पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तारीफ करने वाली उनकी विवादास्पद किताब के लिए निकाला गया था। हालांकि जून, 2010 में उन्हें फिर से पार्टी में वापस ले लिया गया।
बीजेपी महासचिव जेपी नड्ढा ने राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को एक संदेश भेजकर सिंह और महरिया के निष्कासन की जानकारी दी।
इससे पहले परनामी ने सिंह या महरिया का नाम लिए बिना संवाददाताओं से बातचीत में कहा था, 'हमने सभी जिलाध्यक्षों से पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के सामने चुनाव मैदान में डटे कार्यकर्ताओं की रिपोर्ट तुंरत मांगी है। जिलाध्यक्षों की रिपोर्ट मिलते ही ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए मामला अनुशासन समिति को भेज दिया जाएगा।'
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