जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ रहे मौजूदा विधायकों की ओर से दायर शपथपत्रों पर यकीन किया जाए, तो विधायकों को उनके कामों के लिए समान रकम नहीं मिलती।
फिर से चुनाव लड़ रहे जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अधिकतर मौजूदा विधायकों ने मासिक आमदनी 80,000 रुपये घोषित की है, लेकिन कुछ ऐसे भी है, जिन्होंने अपनी कमाई कम दिखाई है।
उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार में राज्य मंत्री और गुरेज विधानसभा क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवार नाजिर अहमद खान ने मासिक आमदनी महज 35,000 रुपये घोषित की है।
इंदरवल से कांग्रेस उम्मीदवार गुलाम मोहम्मद सरूरी ने भी अपनी मासिक आय 35,000 रुपये बतायी है, जबकि मंत्री और बनिहाल से कांग्रेस उम्मीदवार वीकर रसूल वानी ने उल्लेख किया है कि उनकी मासिक आमदनी प्रति महीने करीब 42,000 रुपये है। सोनावरी से नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवार और उच्च शिक्षा मंत्री मोहम्मद अकबर लोन ने मासिक आमदनी 40,000 रुपये बताई है।
रोचक है कि मंगलवार को पहले चरण के मुकाबले में भाग्य आजमा रहे बांदीपुरा से विपक्षी पीडीपी विधायक निजामुद्दीन भट ने अपनी कमाई प्रति महीने 82,000 रुपये बताई है। यह राशि कुछ मंत्रियों की आमदनी से भी अधिक है। मंगलवार को मतदान में जिनके भाग्य का फैसला होगा, उसमें से कुछ मंत्रियों ने अपनी आमदनी एक लाख रुपये से अधिक बताई है। इसमें कंगन और किश्तवाड़ से नेशनल कॉन्फ्रेंस उम्मीदवारों - मियां अलताफ अहमद (1.04 लाख रुपये) और सजाद अहमद किचलू (1.07 लाख रुपये) के नाम हैं।
पहचान जाहिर नहीं करने को इच्छुक एक विधायक के मुताबिक, विधायक का वेतन प्रति माह 40,000 रुपये है। उन्होंने कहा, लेकिन, हमें अन्य भत्ते मिलते हैं (जिससे आंकड़े बढ़ते हैं) जो मिलने वाले वेतन से अधिक होते हैं। कुछ विधायक भत्ते को आमदनी के तहत नहीं रखते, जिससे आय संबंधी जानकारी में विविधता है। सरूरी के मुताबिक, सक्षम प्राधिकार की ओर से जारी फॉर्म-16 के हिसाब से उन्होंने जरूरी जानकारी दाखिल की।
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