आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन प्रमुख एवं कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराये जाने वाला सबसे वांछित आतंकवादी तहसीन अख्तर उर्फ मानू को दिल्ली पुलिस की विशेष इकाई ने गिरफ्तार कर लिया है। तहसीन अख्तर की गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता है।
अख्तर की गिरफ्तारी से कुछ ही दिन पहले दिल्ली पुलिस ने इंडियन मुजाहिदीन के एक अन्य आतंकवादी जिया उर रहमान उर्फ वकास को राजस्थान के अजमेर से उसके तीन सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था।
विशेष इकाई के विशेष आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि की लेकिन इसके बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासीन भटकल की गिरफ्तारी के बाद अख्तर आतंकवादी संगठन का नेतृत्व कर रहा था। तहसीन की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने इंडियन मुजाहिदीन के लगभग पूरे शीर्ष नेतृत्व को दबोच लिया है। भारत की धरती पर होने वाले लगभग सभी हमलों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक अहमद सिद्धिबप्पा जरार उर्फ यासिन भटकल, तहसीन अख्तर उर्फ मानू, असादुल्ला अख्तर उर्फ हद्दी और जिया उर रहमान उर्फ वकास का दिमाग था।
अहमद सिद्धिबप्पा जरार उर्फ यासिन भटकल और असादुल्ला अख्तर उर्फ हद्दी को गत वर्ष भारत.नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया था जबकि वकास और मोनू फरार थे।
पुलिस ने कहा कि वकास और इंडियन मुजाहिदीन के राजस्थान माड्यूल के अन्य तीन अख्तर के निर्देश पर काम करते थे। अख्तर ने उन्हें हमले के लिए तैयार रहने के लिए कहा था, लेकिन यह खुलासा नहीं किया था कि हमला कहां करना है।
सितम्बर 2010 में वकास पाकिस्तान से असादुल्ला अख्तर उर्फ हद्दी के साथ काठमांडो पहुंचा जहां पर तहसीन अख्तर ने उसका स्वागत किया।
पुलिस ने बताया कि नेपाल से वकास बिहार के दरभंगा आया जहां उसकी मुलाकात यासीन भटकल और इंडियन मुजाहिदीन के बिहार मॉड्यूल के अन्य सदस्यों से हुई।
पुलिस ने बताया कि इसी मॉड्यूल ने उसके बाद 19 सितम्बर 2010 में जामा मस्जिद हमले को अंजाम दिया। जामा मस्जिद हमले को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद वकास बिहार लौट गया। तहसीन अख्तर ने यासीन, हद्दी और वकास 12 जुलाई 2011 को मुम्बई के ओपेरा हाउस और जावेरी बाजार में किए गए शृंखलाबद्ध विस्फोटों में शामिल थे जब यासीन प्रमुख था।
जांचकर्ताओं ने बताया कि इन लोगों ने मुम्बई विस्फोट के बाद अगला शृंखलाबद्ध विस्फोट 1 अगस्त 2012 को पुणे में किया। इसके बार रहमान और हद्दी मैंगलोर के लिए रवाना हो गए और एक सुरक्षित घर में शरण ले ली।
पुलिस के अनुसार, मैंगलोर में रहमान को हैदराबाद में विस्फोट की तैयारी करने के लिए रियाज भटकल से निर्देश मिले। फरवरी 2013 में रहमान और हद्दी हैदराबाद चले गए जहां तहसीन भी उनके साथ हो लिया।
पुलिस ने बताया कि हैदराबाद विस्फोट को उन्होंने 21 फरवरी 2013 को अंजाम दिया। हमले के बाद रहमान मैंगलोर लौट आया और वहां पर कुछ समय तक रहा। यासीन और हद्दी की भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गिरफ्तारी की खबर आने के बाद रियाज ने रहमान और तहसीन को मैंगलोर में अपना अड्डा छोड़ने का निर्देश दिया।
अधिकारी ने कहा, वकास केरल के मुन्नार चला गया और वहां पर किराये पर एक मकान लेकर रहने लगा। वहां पर उसने एक चाय की दुकान पर भी काम किया। वहां पर उसके पास तहसीन भी कुछ समय के लिए आया। मुन्नार में रहते हुए रहमान ओडिशा, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के रास्ते सफर करता रहा। वह इस दौरान रियाज भटकल और तहसीन के साथ सम्पर्क में रहा। तहसीन से एक कार्य के लिए अजमेर आने के निर्देश पर रहमान अजमेर पहुंचा जहां उसे शनिवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया।
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