प्रधानमंत्री की शपथ लेने जा रहे नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदा बेन ने कहा है कि वह इस बात से बेहद खुश हैं कि वह (नरेंद्र मोदी) इस शीर्ष पद पर आसीन होने जा रहे हैं और उन्होंने पहली बार उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
जशोदा बेन ने एक गुजरात टीवी चैनल से साक्षात्कार में कहा, यह मेरे लिए अति हर्ष का विषय है। मुझे उनकी पत्नी होने का गर्व है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करूंगी कि वह तेजी से आगे बढ़ते रहें। उन्होंने मोदी के प्रति इस बात को लेकर आभार प्रकट किया कि उन्होंने इस बार लोकसभा चुनाव में अपने नामांकन पत्र में उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
जशोदा बेन ने कहा, उन्होंने (मोदी ने) जब 2014 में वड़ोदरा से चुनाव नामांकन पत्र भरा, तो पहली बार उन्होंने मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार किया। कई सालों बाद उन्होंने मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार किया, मुझे अच्छा लगा। वह मुझे इतने सालों बाद भी याद करते हैं। मोदी के पहली बार शादीशुदा होने की बात कबूलने से चुनाव प्रचार के दौरान विवाद पैदा हो गया था।
जशोदा बेन ने कहा, पहले, उन्होंने (चुनाव नामांकन पत्र में) मेरा नाम नहीं लिखा, लेकिन उन्होंने (शादीशुदा होने से) कभी इनकार भी नहीं किया। उन्होंने कभी भी मेरे बारे में बुरी बात नहीं कही। मेरे मन में उनके प्रति सम्मान है। मैं उनकी पत्नी हूं और हमेशा उनकी पत्नी रहूंगी।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने जो कुछ किया, वह उस सिलसिले में बिल्कुल निष्कलंक हैं। यह उनका कर्म ही है, जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद करता है। वह अपनी प्रतिभा के बदौलत आगे बढ़ते रहे। उनके कार्य और प्रतिभा दोनों ने ही उन्हें बड़ा नेता बनाया। दोनों के अलग रहने के संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, हमने कभी एक दूसरे से तलाक नहीं ली। हम उस तरह अलग नहीं हुए। हम साथ हैं। वह देश की सेवा के लिए घर छोड़कर चले गए और इस तरह हम अलग हो गए।
जब जशोदा बेन से पूछा गया कि वह कब उनसे मिलेंगी, उन्होंने उसका संक्षिप्त जवाब दिया, जब समय आएगा, मैं जाऊंगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह शपथ ग्रहण समारोह में जाएंगी, उन्होंने कहा, यदि मुझे न्योता मिला, तो मैं जाऊंगी। जशोदा बेन एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षिका हैं।
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