इतिहास रचते हुए नरेंद्र मोदी केन्द्र में 'तिहरे शतक' के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। भाजपा के नेतृत्व में राजग ने 16वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में लगभग 335 सीटों पर कब्जा कर कांग्रेस को अब तक की सबसे बुरी पराजय का मुंह दिखाया है।
कांग्रेस विरोधी लहर के खिलाफ 'मोदी लहर' के विजय रथ पर सवार 63 वर्षीय गुजरात के मुख्यमंत्री ने भाजपा को स्पष्ट बहुमत दिलाने के साथ ही पूरे भारत में अपनी उपस्थिति का अहसास कराया है, जो पहले कभी नहीं देखा गया।
राजग में भाजपा के अलावा 24 अन्य छोटे घटक दल हैं। 543 सदस्यीय लोकसभा में अकेले दम पर भाजपा 282 सीटों पर जीत दर्ज करने की ओर अग्रसर है। 1984 के बाद के 30 वर्षों में भाजपा ऐसी पहली पार्टी बन गई है, जिसने अपने दम पर बहुमत हासिल किया है। 1984 में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 400 से अधिक सीटें जीती थीं।
हिन्दी भाषी राज्यों में मोदी लहर साफ दिखी। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, हरियाणा, दिल्ली, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की कुल 225 सीटों में से 190 पर भाजपा ने काबिज होकर इन राज्यों से न सिर्फ कांग्रेस बल्कि सपा, बसपा, जदयू और राजद जैसे क्षेत्रीय दलों का सफाया सा कर दिया।
मोदी लहर ने गुजरात के अलावा महाराष्ट्र, कर्नाटक और असम जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में भी असर दिखाया। निवर्तमान लोकसभा में भाजपा के 116 सदस्य हैं और उसकी वोट हिस्सेदारी 18.8 प्रतिशत थी। कांग्रेस 28.55 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी के साथ 206 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी। इस बार भाजपा को 31.4 प्रतिशत तो कांग्रेस को 19.5 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी मिली।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी स्वीकारते हुए कहा कि जनादेश कांग्रेस के खिलाफ है और परिणामों के बारे में सोचने के लिए बहुत कुछ है। मोदी लहर ने 30 साल बाद भाजपा के रूप में किसी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत दिलाया है और आजादी के बाद सबसे अधिक समय देश पर शासन करने वाली कांग्रेस को अब तक की सबसे बुरी पराजय का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग को लगभग 61 सीटें मिलती दिख रही हैं। अंतिम रुझान मिलने तक भाजपा 209 सीटें जीत चुकी है और 73 पर आगे है। कांग्रेस सिर्फ 31 सीटें जीत पायी है और 13 अन्य पर आगे है।
उत्तर प्रदेश में 'मोदी लहर' कुछ इस तरह चली कि भाजपा को 80 में से 70 से अधिक सीटें मिलती नजर आ रही हैं और जहां बसपा का खाता नहीं खुल पाया, वहीं कांग्रेस और सपा केवल अपने परिवार की सीटें ही बचाने में सफल रहीं। अमेठी और रायबरेली से क्रमश: राहुल गांधी और सोनिया गांधी चुनाव जीते। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव आजमगढ और मैनपुरी से चुनाव जीतते दिख रहे हैं। उनकी बहू डिम्पल यादव कन्नौज से और भतीजे धर्मेन्द्र यादव बदायूं से चुनाव जीत गये हैं जबकि एक अन्य भतीजे अक्षय यादव फिरोजाबाद से चुनाव जीतते नजर आ रहे हैं।
वडोदरा और वाराणसी दोनों सीटों से चुनाव जीते मोदी ने वडोदरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए देश चलाने में सभी पार्टियों से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा कि ये सरकार किसी एक पार्टी विशेष की नहीं बल्कि देश की जनता की है। वडोदरा में 5.70 लाख वोटों से जीत दिलाने के लिए उन्होंने मतदाताओं का धन्यवाद किया। मोदी ने इस बात पर गर्व जताया कि कांग्रेस के बाद भाजपा देश की ऐसी दूसरी पार्टी बन गई है, जिसने अपने बूते स्पष्ट बहुमत हासिल किया।
सरकार को संविधान की भावना के अनुरूप चलाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार के लिए न तो कोई पसंदीदा है और न ही कोई अलग थलग। उन्होंने कहा, 'मेरी जिम्मेदारी देश को चलाने में सबको साथ लेकर चलने की है। लोकतंत्र में कोई दुश्मन नहीं होता बल्कि प्रतिस्पर्धी होता है। चुनाव के साथ ही वह प्रतिस्पर्धा समाप्त हो जाती है।'
इससे पहले अयोध्या आंदोलन के सहारे भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 180 से अधिक सीटें हासिल की थीं।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक, ओडिशा में बीजद ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया है। आम तौर पर भाजपा की पहुंच वाले क्षेत्र नहीं माने जाने वाले पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में भाजपा ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया। राजस्थान, गुजरात, गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे राज्यों में भाजपा ने पूरी की पूरी सीटें जीती हैं।
राहुल और सोनिया ने हार की जिम्मेदारी स्वीकारते हुए कहा कि जनादेश कांग्रेस के खिलाफ है और परिणामों के बारे में सोचने के लिए बहुत कुछ है।
दिग्गजों में जहां सोनिया, राहुल, ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा भाजपा के मोदी, सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी, राजनाथ सिंह चुनाव जीत गए, वहीं हारने वालों में केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, श्रीप्रकाश जायसवाल, सचिन पायलट, पल्लम राजू तथा भाजपा के अरुण जेटली और आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल शामिल रहे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कल राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपेंगे। इससे पहले वह कैबिनेट की अंतिम बैठक करेंगे। मोदी के 21 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है।
लोकसभा चुनावों में पहली बार कूदी आम आदमी पार्टी पंजाब से चार सीटें जीतने में कामयाब रही लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनावों में 28 सीट जीतने वाली इस पार्टी को राष्ट्रीय राजधानी की सात में से एक भी सीट नहीं नसीब हो पाई। सभी सातों सीटें भाजपा के खाते में गईं। भाजपा नेताओं ने जहां जीत का सेहरा मोदी के सिर बांधा, वहीं वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के शानदार प्रदर्शन के लिए मोदी को बधाई तो दी, लेकिन इसका पूरा श्रेय उन्हें देने से बचते हुए कहा कि पार्टी की इस अभूतपूर्व जीत में उनके नेतृत्व का कितना योगदान रहा इसका आकलन करने की जरूरत है।
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